मुजफ्फरपुर : शोभा की बुझती आस को मीनापुर सीएचसी का मिला सहारा
– टीबी और फाइलेरिया दोनों से थी ग्रस्त
– चार सालों की बीमारी चार महीनों में होने लगी ठीक
मुजफ्फरपुर। शादी के बाद मीनापुर प्रखंड, मधुबनी महदैया गांव की शोभा देवी की जिंदगी हंसी खुशी चल रही थी। अभी शादी को कुछ वर्ष ही बीते थे कि 2019 में अचानक उन्हें बलगम के साथ खून आना शुरू हुआ। वजन भी लगभग 10 किलो तक कम हो गया था, रही सही कसर पैर के सूजन ने दे दी। शोभा को एक साथ टीबी और फाइलेरिया जैसी बीमारी ने घेर लिया था।
बीमारी का इलाज कराने वह पहली बार जूरन छपरा के किसी निजी चिकित्सक के पास पहुंची। कुछ जांच और क्लीनिकल टेस्ट के बाद उसे बताया गया कि उसे टीबी है। शोभा कहती है यह बात सुनकर उसे चिंता हुई कि अब इतनी बड़ी बीमारी का इलाज वह कैसे कराए। पति ने कुछ साहस बंधाया तो इलाज शुरू हुआ। महीने के करीब पांच हजार रुपए जाने लगे। चार पांच महीने में ही घर में इस कारण घोर तंगी आ गयी।
लॉकडाउन में निजी इलाज भी छूटा
शोभा कहती है कि कोविड के दौरान हुए लॉकडाउन में उसका वह उपचार भी छूट गया। वह अभी भी टीबी के साथ जी रही थी। वहीं अब तक पैर का सूजन भी काफी बढ़ गया था। उसे चलने में दिक्कत महसूस होती थी। वहीं लॉकडाउन के बाद घर की आर्थिक स्थिति वैसी नहीं रही जिससे मैं फिर से अपना इलाज शुरु करवा सकूं।
फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर से पता चला टीबी व फाइलेरिया का उपचार
शोभा कहती हैं कि मधुबनी महदैया की गायत्री देवी से मेरी मुलाकात हुई। वह फाइलेरिया के एक सपोर्ट नेटवर्क दुर्गा की सदस्य थी। वह फाइलेरिया और टीबी के बारे में जानती थी। वह यह भी जानती थी कि इसका इलाज सरकारी अस्पताल में बिल्कुल मुफ्त होता है। मैं भी फाइलेरिया के दुर्गा सपोर्ट नेटवर्क से जुड़ गयी और टीबी और फाइलेरिया दोनों का इलाज मीनापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र से शुरु हो गया।
चार महीनों में चार साल जितना आराम
शोभा कहती है इलाज के बाद चार महीनों में मुझे चार साल का आराम मिला है। टीबी में बलगम में खून आना, खांसी का आना बंद हो गया है, वहीं वजन भी बढ़ने लगा। इधर फाइलेरिया के दुर्गा नेटवर्क समूह के साथ जुड़ मैं अपने पैर की देखभाल एमएमडीपी किट के माध्यम से करने लगी हूं।
इससे मेरे सूजे हुए पैर में काफी आराम मिला है या यूं कहें कि अब फिर से पैर पहले वाली स्थिति में लौटने लगी है। मैं पिछले चार महीनों से आंगनबाड़ी और जीविका दीदीयों से के साथ जुड़कर लोगों को फाइलेरिया पर जागरूक कर रही हूं। मैंने खुद अपने साथ हुए फायदों को बता कर गांव की ही राजकुमारी देवी, मरछिया देवी, प्रमिला देवी को दुर्गा नेटवर्क सपोर्ट मेंबर बनाया है।