मोतीहारी : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान – सदर अस्पताल में हुई गर्भवती महिलाओं की जांच
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– जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर हर माह के 21 तारीख को शिविर लगा कर होती है जाँच व इलाज
– आयरन, कैल्सियम व अन्य दवाओं का हुआ वितरण
मोतिहारी। जिलेभर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच महिला चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में की गई। इस अवसर पर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य मेला का भी आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में गर्भवती व धात्री महिलाओं एवं अन्य लोगों ने भाग लिया। इस दौरान कई महिलाओं को काउंटर से बिस्किट एवं पानी का वितरण भी किया गया।
सदर अस्पताल परिसर में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने एएनसी, हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी, बीपी, वजन आदि की जाँच कराई। चिकित्सा परीक्षण के दौरान आयरन, कैल्सियम व अन्य दवाओं का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर महिला चिकित्सक डॉ सुनीता कुमारी ने गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से बचाव को लेकर लौहतत्व युक्त हरी पत्तेदार साग -सब्जी, फल, दूध, अंडा, मांस- मछली, चुकंदर, केला, मौसमी फल खाने की सलाह दी।
गर्भवती महिलाओं को आयरन, कैल्सियम की गोली का सेवन करना जरूरी है
डॉ सुनीता कुमारी ने बताया कि गर्भावस्था में पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है। इस दौरान पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम, आयरन लेने से समय से पूर्व नवजात की मृत्यु को रोका जा सकता है। कैल्सियम लेने से माता की हड्डियां मजबूत होती हैं। मां के दूध में कैल्सियम की मात्रा बढ़ने से नवजात की हड्डियों का विकास भी अच्छा होता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से बचने के लिए आयरन की 180 गोली प्रसव से पहले व 180 गोली प्रसव के बाद 6 महीने तक लेनी चाहिए। इससे खून की कमी का खतरा नहीं रहता एवं जच्चा- बच्चा दोनों सुरक्षित रहता है।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को एएनसी जांच जरूरी
सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी करने के लिए एएनसी जांच को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। जांच के जरिये गर्भावस्था की गंभीर जटिलताओं को समय रहते दूर करते हुए माता और शिशु की प्राणों की रक्षा की जा सकती है। जिले के सभी अस्पतालों के साथ-साथ सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के अन्तर्गत प्रत्येक महीने एएनसी जांच की जाती है।
इस दौरान जांच को आई गर्भवती महिलाओं की हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी), एचबी प्रतिशत, एचआईवी, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज आदि का परीक्षण किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सरकारी अस्पताल में हर माह की नौंवीं एवं 21तारीख को आरोग्य दिवस का आयोजन कर एएनसी जांच के साथ ही महिलाओं को सुरक्षित प्रसव, परिवार नियोजन के विषय में स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा जानकारी दी जाती है। मौके पर डॉ सुनीता कुमारी, अनुपमा कुमारी जीएनएम, नीतू यादव, मनोज झा, चाँदसी कुमार, व अन्य नर्स स्टॉफ मौजूद थे।
गर्भवती महिलाएं ऐसे रखें ख्याल
-संतुलित आहार का सेवन करें।
-डाइट में विटामिन शामिल करें ।
-तेल, घी मसालेदार खाने से परहेज़ करें।
– किसी प्रकार की तकलीफ हो तो डाक्टर से संपर्क करें।
-हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें।
-तनाव न लें।