पटना/ 25 अप्रैल : विश्व मलेरिया दिवस पर राज्य के सभी जिलों में आज जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए. इसी क्रम में पटना स्थित आईएमए हॉल में मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर निदेशक सह वेक्टर जनित रोग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने की.
कार्यक्रम में कई पूर्व चिकित्सकों एवं मलेरिया विभाग के अधिकारीयों ने शिरकत की. इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि वर्ष 2030 तक राज्य मलेरिया से मुक्त हो जायेगा. उन्होंने बताया कि राज्य में प्रति एक हजार की आबादी पर मात्र 1 मलेरिया का मरीज चिन्हित किया जा रहा है जो कि राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को मलेरिया को समाप्त करने की शपथ दिलाई.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की राज्य के फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की प्रशंसा
डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि गत वर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडवीया ने राज्य में संचालित मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा था कि राज्य में प्रति एक हजार की आबादी पर मात्र 1 मलेरिया का मरीज चिन्हित किया जाना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है और बिहार जल्दी ही मलेरिया के दंश से मुक्त हो जायेगा. डॉ. अशोक ने बताया कि विभाग पूरी तरह से राज्य को मलेरिया मुक्त करने के लिए प्रयासरत है.
राज्य में चिन्हित किये गए मलेरिया के 578 मरीज
इस अवसर पर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी राजकुमार ने बताया कि गत वर्ष जनवरी से दिसंबर तक राज्य में मलेरिया के 578 मरीज चिन्हित किये गए थे. इस वर्ष जनवरी से मार्च तक राज्य में 159 मलेरिया के मरीज पाए गए हैं.
राज्य के 7 जिलों में हैं मलेरिया का प्रकोप
डॉ अशोक कुमार ने बताया कि राज्य के 7 जिले गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, नवादा, मुंगेर एवं जमुई में मलेरिया के मरीज अधिक पाए जाते हैं. इन जिलों में विभाग कई कार्यक्रम चलाकर एवं छिड्काव के द्वारा स्थिति को बेहतर करने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने बताया कि राज्य के 6 जिले अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सिवान, शेखपुरा एवं सारण में एक भी मरीज नहीं मिले हैं.