मुजफ्फरपुर। फाइलेरिया रोगियों के दैनिक जीवन को आसान बनाने के लिए मीनापुर ब्लॉक महदैया के राम जानकी मठ के प्रांगण में शुक्रवार को एमएमडीपी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क ग्रुप के करीब 40 फाइलेरिया रोगियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया इंचार्ज अरविंद कुमार ने कहा कि फाइलेरिया में जब सूजन ज्यादा हो जाता है तो नियमित रूप से उसके प्रबंधन की जरूरत होती है। जिससे रोगी को आराम पहुचे। प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ-सफाई को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। फाइलेरिया से ग्रसित अंगों को विशेष रूप से सफाई के बारे में जागरूक किया। फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क मेंबर्स फाइलेरिया रोग से ग्रसित लोगों का समूह है जो लोगों में फाइलेरिया के बारे में जागरूकता फैलाने के अलावा उन्हें उपचार के सही तरीकों से भी अवगत कराता है।
फाइलेरिया को शुरुआत में ही रोका जा सकता
मौके पर मौजूद मीनापुर सीएचसी के एमओआईसी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि जिले में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को निशुल्क दवाएं दी जाती है। फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है। इसका प्रसार क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा होता है। इस बीमारी के लक्षण उभरने में आठ से 10 साल लग जाते है। इसमें व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। इसका कोई सफल उपचार संभव नहीं है। पर मौजूदा समय में दवाओं द्वारा इस बीमारी के विस्तार पर पूर्णतया रोक लगाई जा सकती है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को साल में चलने वाले सर्वजन दवा सेवन के तहत मिलने वाली दवाओं को खाना चाहिए। इससे बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।
फाइलेरिया रोगी एक्यूट अटैक में साफ पानी से धोएं अंग
कार्यक्रम में फाइलेरिया ग्रसित सभी मरीजों को एमओआईसी राकेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन के साथ बेचौनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को अपना पैर साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। मौके पर एमओआइसी डॉ राकेश कुमार, फाइलेरिया इंचार्ज अरविंद कुमार, उजाला गंजबाजार शंकर पेशेंट सपोर्ट की नेटवर्क मेम्बर एवम अन्य लोग उपस्थित थे।