सासाराम। देश से 2027 तक फाइलेरिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है उक्त अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्र स्तर से लेकर राज्य स्तर तक अभी से ही रणनीति बनाई जाने लगी है। इधर राज्य स्वास्थ समिति के निर्देश पर जिले में भी फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आगामी 10 अगस्त को शुरू होने वाले एमडीए अभियान के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी गई है। 10 अगस्त को राज्य के 14 जिलों में एमडीए अभियान (सर्व जन दवा सेवन अभियान) चलाया जाना है, जिसमें रोहतास जिला भी शामिल है।
रोहतास जिले में इस अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा निर्देश पर कार्य करना भी शुरू कर दिया है। एमडीए अभियान के दौरान सभी लोगो को एलबेंडाजोल, डीईसी को खुराक खिलाई जाती है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार आईवरमेकटिन नामक दवा भी दी जाएगी जो फाइलेरिया को रोकने में कारगर साबित होगा। रोहतास जिले में पिछले साल एमडीए अभियान के दौरान 31 लाख 80 हज़ार लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमे 27 लाख लोगों को दवा खिलाई गई थी। वही इस बार भी 31 लाख 80 हजार के आसपास लोगों को दवा खिलाने के लक्ष्य रखा गया है।
एमडीए अभियान के पूर्व होगा नाईट ब्लड सर्वे
वही एमडीए अभियान से पूर्व नाइट ब्लड सर्वे को लेकर भी फाईलेरिया विभाग ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पिछले साल जिले के सात प्रखंडों में नाईट ब्लड सर्वे अभियाम चलाया गया था। परंतु इस बार सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए सभी 14 जिलों के सभी प्रखण्डों में एक बार नाईट ब्लड सर्वे का निर्णय लिया है। इसी के तहत इस बार नाइट ब्लड सर्वे रोहतास जिले के सभी 19 प्रखंडों में आयोजित किया जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया की एमडीए अभियान को लेकर 16 मई को पटना में कार्यक्रम किया गया था जिसमें ब्लॉक लेवल पर नाइट ब्लड सर्वे की रणनीति बनाने के लिए कई दिशा निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बार सभी 19 प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा, जिसमें प्रति ब्लॉक से 300 लोगों का सैंपल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जेपी गौतम ने बताया कि फाइलेरिया के परजीवी रात्रि में ही सक्रिय होते हैं इसलिए इसकी जांच रात्रि में ही की जाती है तभी जाकर फाइलेरिया के होने अथवा नहीं होने की पुष्टि हो पाती है।
चलाया जाएगा जन जागरूकता अभियान
जय प्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी की जानकारी के लिए नाइट ब्लड सर्वे क्यों जरूरी है| इसके लिए नाइट ब्लड सर्वे से पूर्व नुक्कड़ नाटक, हैंडबिल, पोस्टर सहित अन्य माध्यओ से लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि फाइलेरिया क्या है, यह कैसे फैलता है और इसके क्या दुष्परिणाम होते हैं। साथ ही जन जागरूकता अभियान में इस बीमारी को रोकने के लिए भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे अभियान को सफलता नहीं मिल सकती है।
अभियान को सफल बनाने के लिए रुट लेवल की तैयारी
डीसीएम चंदा कुमारी ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे एवं एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए रूट लेवल की तैयारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभियान को लेकर सभी प्रखंडों के बीसीएम के साथ विशेष बैठक करके रणनीति तैयार की जाएगी और बीसीएम अपने प्रखंड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर इस अभियान को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार करेंगे।