प्रवचन : रुद्र महायज्ञ में कथा सुनने के लिए भक्तों की जुटी रही भीड़, एक से एक बढ़कर झांकी हो रही प्रस्तुत।

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संझौली (रोहतास) : संसार एक सरोवर और हम उस सरोवर के जीव हैं, श्रीहरि सदैव हमारी रक्षा करते हैं। आनंदमय जीवन के लिए केवल हरि सुमिरन ही आधार है। इसलिए खुद को प्रभु के चरणों में समर्पित कर देना ही उचित मार्ग है। हमारी वास्तविक शक्ति प्रभु की भक्ति में है। चुपके यह संसार एक सरोवर के समान है और हम सब इसे सरोवर के जीव है। इसलिए जब दूसरी हरि के चरण कमल का आश्रय ले लेता हैं, तो वह उसे इस संसार इस सागर से पार कर देते हैं। उसकी नैया कभी डूबती नहीं है उसे हमारे प्रभु वह बार लेते हैं।

उक्त बातें कुझी गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन व्यासपीठ से आए हुए संत स्वामी परमहंस देवी दयाल जी महाराज के परम शिष्य श्रीधर प्रपन्नाचार्य जी महाराज महंत सोनू बाबा ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहां की गजेंद्र मोक्ष की कथा केवल का कथामात्र नहीं है। अपितु यह आपकी हमारी जीवन कथा हैं।

कथा सुनने के लिए भक्तों की जुट रही भीड़

आचार्य श्रीधर प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कथा आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैंकथा सुनने के लिए भक्तों की जुट रही भीड़। कथा सुनने के लिए भक्तों की जुट रही भीड़। उन्होंने कहा था श्रवण की उपयोगिता को समझाते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं ने कहा कि प्रभु भक्ति के मार्ग पर चले और हमेशा उसके दिखाए गए मार्गों का पालन करें।

ज्ञात हो कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने के लिए आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालु पहुंच रहे थे। स्वामी परमहंस देवी दयाल जी महाराज ने बताया कि भगवान ने अपने बाल लीलाओं के माध्यम से अनेकों सीख देते हैं। व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए। वक्त हमें भगवान का स्मरण कर अपने नित्य कार्यों का त्याग करना चाहिए। क्योंकि जो व्यक्ति अभिमान करता है उसके अंदर भक्ति कभी भी पनप नहीं सकती।

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