सीतामढ़ी : कालाजार के मरीजों में प्रतिवर्ष 40 से 50 फीसदी दर की गिरावट 

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सीतामढ़ी। शून्य कालाजार की स्थिति प्राप्त करने के लिए वर्ष के पहले आईआरएस चक्र की शुरुआत जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने दीप जलाकर की। इस दौरान जिला पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त द्वारा कालाजार उन्मूलन रथ को हरी झंडी दिखा कालाजार प्रभावित गाँवो मे प्रचार प्रसार हेतु रवाना किया गया।

जिला पदाधिकारी ने छिड़काव कर्मियों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा खरते हुए उन्हें आगे भी अच्छी तरह छिड़काव तथा कालाजार खोज करने का निर्देश दिए ताकि जिला मे शून्य कालाजार की स्थिति प्राप्त हो सके। इस अवसर पर जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी डा रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि इस वर्ष 78 कालाजार प्रभावित राजस्व गाँवो के 122886 घरों मे 37 दलों द्वारा 60 कार्य दिवस मे स्प्रे पूरा करने हेतु माइक्रो प्लान तैयार किया गया है।

डॉ यादव ने बताया कि सीतामढ़ी जिला ने कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2018 मे ही हासिल कर लिया है और 5 साल से लगातार स्थिति को न सिर्फ बनाये रखा है बल्कि प्रति वर्ष  40 से 50 % की दर मरीजो की संख्या मे कमी भी आ रही है। वर्ष 2021 मे जहाँ 39 रोगी थे वहीं 2022 मे मात्र 17 कालाजार के मरीज प्रतिवेदित हुए। इस आशय का एक संदेश लिए गुब्बारा भी जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा संयुक्त रूप छोड़ा गया। 

आशा कार्यकर्ताओं का हुआ उन्मुखीकरण

आईआरएस चक्र के मौके पर आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण कार्यशाला भी आयोजित किया गया। आशा को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने क्षेत्र मे मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, मस्तिष्क ज्वर तथा डेंगू से बचाव हेतु जागरूकता फैलाने तथा “चमकी को धमकी – खिलाओ, जगाओ, अस्पताल ले जाओ ” की मुहिम चलाने की  अपील भी की ।

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इसके साथ ही कालाजार की तरह फाइलेरिया उन्मूलन भी देश अव्वल रहने हेतु लगातार प्रयास करते रहें। सभी मरीजों को चिन्हित करते हुए एमएमडीपी क्लिनिक मे ले जाएँ और हाइड्रोसील का ऑपरेशन करवायें ।उपविकास आयुक्त ने आशा को छिड़काव पूर्व सभी घरों में इसकी जानकारी देने के लिए कहा। 

होगा फोकल छिड़काव

जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि छिड़काव के दौरान प्रतिवेदित नए कालाजार मरीजों के गांवों में भी फोकल छिड़काव कराया जाएगा। छिड़काव पश्चात बचत मानव दिवस से जिले के वैसे गांवों में फोकल छिड़काव कराया जाएगा, जहां आईआरएस चक्र के दौरान पुनः उसी गांव में कालाजार मरीज प्रतिवेदित होते हैं।

60 दिनों का होगा छिड़काव

डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि 60 दिनों तक चलने वाले इस छिड़काव में घरों की दिवालों के छह फुट तक के भाग में किया जाएगा। जिसमें घर के कमरे तथा गौशाला भी शामिल है। छिड़काव के बाद तीन महीने तक घर में रंगाई या पुताई नहीं करानी है। 

छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल

– छिड़काव के पूर्व घर की अंदरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।

– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, बथानी एवं गोहाल आदि के अंदरूनी दीवारों पर छह फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। -छिड़काव के दो घंटे बाद ही घर में प्रवेश करें।

– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर कर दें।

– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पुताई ना करें, इससे कीटनाशक (एस.पी) का असर बना रहे।

– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

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