मोतिहारी। बढ़ती गर्मी एवं चढ़ रहे पारे के साथ हीट वेव का खतरा भी मंडराने लगा है । हीट वेव कई समस्याएं भी लेकर आता है। इसलिए जरूरी है कि सावधानियां बरतते हुए अपना और अपनों का ख्याल रखें। जब क्षेत्र का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है, तो हीट वेव या लू का प्रभाव पड़ने लगता है। इसके बारे में जानकारी देते हुए महामारी रोग पदाधिकारी डॉ राहुल राज ने बताया कि हीट वेव्स का प्रभाव न सिर्फ घर से बाहर, बल्कि घर में रहने पर भी पड़ता है।
उन्होंने बताया कि- तेज धूप में खासकर दोपहर के 12 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। , साथ ही सावधानियां भी बरतनी चाहिए।डॉ राहुल राज के अनुसार, गर्मी के कारण सबसे अधिक स्वास्थ्य समस्याएं नवजात बच्चों से लेकर 4 साल तक के बच्चों को होती है। वहीँ 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, गंभीर बीमारी के कारण अत्यधिक दवाइयों का सेवन करने वाले लोग हीट वेव्स से अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसी स्थिति में इन लोगों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
लू लगने पर सरकारी अस्पतालों में है इलाज की व्यवस्था
जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि- लू लगने पर सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि गर्मी में शरीर से पसीने के रूप में शरीर का ज्यादातर पानी निकलता रहता है। ,ऐसे में हीट वेव्स से बचने के लिए जरूरी है खुद को तथा अपने परिवार को हाइड्रेटेड रखें। परिवार के सभी सदस्य पर्याप्त मात्रा में पूरे दिन पानी पीते रहें। घर की सभी खिड़कियां खोल दें और पंखे को चला दें। रसदार फलों, ताजा सब्जियों के साथ पौष्टिक भोजन करें।ओआरएस का घोल तैयार कर पीयें । साथ ही डिहाइड्रेटेड करने वाली चीजों से बचें। बेवजह बाहर जाने से बचें।
हीट वेव्स के लक्षण
* अत्यधिक शारीरिक तापमान
(गर्मी लगने) के बाद भी पसीना ना आना
* त्वचा का लाल, गर्म व रूखा हो जाना
*तेज नब्ज चलना
*भयानक सिरदर्द
*चक्कर आना,जी मिचलाना
असमंजस होना आदि।
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