मोतीहारी : कालाजार उन्मूलन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

मोतिहारी। कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन डब्ल्यूएचओ के सहयोग से मोतिहारी के निजी होटल में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने की।  कालाजार उन्मूलन प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में एसीएमओ डॉ रंजीत राय, डॉ शरत चन्द्र शर्मा, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ माधुरी कुमारी, केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।

डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि डॉ माधुरी देवराज ने बताया कि कालाजार उन्मूलन में बेहतर कार्य करने वाले जिले व उसके प्रखंडों को राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा पुरस्कृत करने की योजना है, जिसमें बेहतर कार्य करने पर पूर्वी चम्पारण के 14 प्रखंड चयनित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर 5 लाख रुपए तथा  प्रखंड स्तर पर 3 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिले के आदापुर, अरेराज, चकिया, हरसिद्धि, तुरकौलिया, कल्याणपुर, केसरिया, कोटवा, मधुबन, पकड़ीदयाल, मोतिहारी व अन्य प्रखंड शामिल किए गए हैं जिन्हें पुरस्कृत करने की योजना है।

कालाजार उन्मूलन के लिए जन जागरूकता जरूरी : सीएस 

इस मौके पर सीएस डॉ अंजनी कुमार और एसीएमओ डॉ रंजीत राय ने कहा कि कालाजार उन्मूलन अभियान की सफलता में सामुदायिक स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जन जागरूकता अभियान चलाकर कालाजार सहित वेक्टर बॉर्न अन्य डिजीज को समाप्त किया जा सकता है।

बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार

भीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। इससे बचाव को लेकर साल में दो बार एसपी  छिड़काव कराया जाता है। उन्होंने बताया कि 2 हफ्ते से अधिक समय तक बुखार का होना, भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनने लगे तो ये पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

- Advertisement -

जिले के हरसिद्धि, चकिया, पहाडपुर के साथ ही अन्य प्रखंडों में कालाजार, पीकेडीएल के संभावित मरीजों की खोज चल रही है। इस अभियान (एसीडी) के दौरान लक्षण मिलने वाले लोगों को चिह्नित कर समुचित जांच के लिए स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य संस्थान जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैं ताकि मरीजों की समय पर जांच व इलाज सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि नवम्बर 2022 तक भीएल के 48 तो पीकेडीएल के 14 केस मिले हैं।

क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा दी जाती है 7100 रुपये की राशि

भीडिसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि  कालाजार के मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है। इस मौके पर भिडिसीओ, ज़िले के सभी एमओआईसी, बीसीएम, केटीएस, जीएनएम एवं एएनएम सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें