मुजफ्फरपुर। लक्ष्य कार्यक्रम, लेबर रूम एवं प्रसूति गृह में देखभाल एवं गुणवत्ता के साथ सेवा प्रदान करने के लिए समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने सिविल सर्जन एवं लेबर रूम इंचार्ज जीएनएम, एएनएम के साथ समीक्षा बैठक की। इस कार्यक्रम के मुख्य उद्येश्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि मातृ एवं नवजात शिशु के मृत्यु दर में कमी एवं प्रसूति के दौरान एवं उसके बाद की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाना है। लक्ष्य से मातृत्व और नवजात अस्वस्थता तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी और प्रसूति तथा इसके तुरंत बाद की अवधि में देखभाल में सुधार होगा। इस पहल के अंतर्गत बहुमुखी रणनीति अपनाई गई है, जिनमें बुनियादी ढांचागत सुधार, उन्नयन, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाना और प्रसूति गृहों में सुविधाओं में सुधार लाना है।
प्रखंडवार लेबर रूम के इन्फ्रास्ट्रक्चर क्वालिटी सेवा की समीक्षा हुई। सभी एएनएम ने अपनी-अपनी समस्याओं एवं वहां के तथ्यों से अवगत कराया। वहां डॉक्यूमेंटेशन, एचआर, इन्फ्रास्ट्रक्चर के संबंध में जिला पदाधिकारी को अवगत कराया। जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि इस योजना के मुख्य उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए गुणात्मक विकास के साथ सेवा देने की आवश्यकता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य अधिप्राप्ति के संबंध में व्यवस्था की जानी है। चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों को भी इस दिशा में निर्देश दिया जायेगा। उन्होंने संस्थागत प्रसव में धीमी गति रहने पर निराशा और असंतोष प्रकट किया । उन्होंने कहा कि अभी भी 30 फीसदी से अधिक घरों में ही प्रसव हो रहा है। प्रसव बाद सेवा गुणवत्ता में वृद्धि करने की आवश्यकता है। उन्होंने परिवार नियोजन के कार्यक्रम को भी कारगर ढंग से संचालित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि आप सभी इस कार्यक्रम के मूल आधार हैं। यद्यपि प्रत्येक प्रखंड में इसके लिए काउंसलर नियुक्त किये गये हैं पर आप अधिक अच्छे से दंपति को इस दिशा में समझा सकते हैं । सुपर काउंसलिंग की आवश्यकता है जो दंपति एवं परिजनों को प्रभावित करें। यह महत्वपूर्ण अवसर होता है जब मातृ कई घंटे आपके साथ होते है। बैठक में परीक्ष्यमान आईएएस सारा अशरफ, सिविल सर्जन, केयर डिटीएल सौरभ तिवारी, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी उपस्थित थे।