शिवहर। टीबी जैसी बीमारी को खत्म करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग एक से बढ़कर एक प्रयास कर रही है। टीबी मरीजों को मुफ्त इलाज के साथ आर्थिक सहायता भी दे रही है। अब टीबी को लेकर सरकार एक और मुहिम चला रही है। यह है निक्षय मित्र के जरिये टीबी मरीजों की मदद। इस अभियान के तहत जिले में निक्षय मित्र बनाने की मुहिम में तेजी आ रही है। कुछ दिनों पहले ही जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. जेड जावेद ने दो टीबी मरीजों को गोद लेकर उदाहरण पेश किया था। उनके साथ परसौनी बैज के मुखिया भाग्यनारायण साह और अम्बा दक्षिणी मुखिया प्रतिनिधि राजीव कुमार यादव ने एक-एक टीबी मरीज को गोद लिया।
अब पुरनहिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पवन कुमार निराला निक्षय मित्र बने हैं। उन्होंने दो मरीजों को गोद लिया है। उनके साथ अदौरी की वार्ड तीन की सदस्य मंजू देवी और दोस्तियां के वार्ड नौ के सदस्य रामेश्वर पासवान ने भी निक्षय मित्र बन एक-एक मरीज को गोद लिया है। ये निक्षय मित्र गोद लिए टीबी मरीजों को छह महीने तक पोषण से संबंधित जरूरतों को पूरा करेंगे। पीएचसी में इन मरीजों को फूड पैकेट और पोषण संबंधित सामान दिया गया । इस अवसर पर एसटीएस नीलू कुमारी, बीएचएम सुजीत कुमार, डॉ. अविनाश कुमार, राजीव कुमार, सचिन कुमार, रूपम कुमारी, सुशीला कुमारी उपस्थित रहीं।
मानसिक तौर पर भी मजबूती मिलेगी
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. जेड जावेद ने कहा कि निक्षय मित्र के जरिये टीबी मरीजों को न सिर्फ आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि मानसिक तौर पर भी मजबूती मिलेगी। जिले में निक्षय मित्र के जरिये बड़ा बदलाव आ सकता है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। इस क्रम में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए निक्षय मित्र योजना की शुरुआत की गई है। डॉ. जावेद ने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान को जन-आंदोलन बनाकर आमजन को बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है।
निक्षय मित्र टीबी पीड़ित को गोद लेने की है योजना
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पवन कुमार निराला ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकता है, ताकि वह इलाज में उसकी मदद कर सके और उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था कर सके। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है।