बक्सर : सदस्य सचिव, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पत्रांक 2083 दिनांक 01.09.2022 के द्वारा मूर्ति निर्माण से लेकर मूर्ति विसर्जन तक की प्रक्रिया में बिहार (पूजा के उपरान्त मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली 2021 जो राज्य सरकार के गजट अधिसूचना संख्या 849 दिनांक 04.10.2021 से प्रचारित है तथा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 (यथा संशोधित) का अनुपालन कराने हेतु निदेश प्राप्त है।
बिक्री और उपयोग को किया गया निषेध
इस क्रम में जिला पदाधिकारी बक्सर के निर्देशालोक में निम्नांकित निदेश दिया गया हैः- पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार, सरकार के विभागीय अधिसूचना संख्या 1012 दिनांक 17.12.2021 के द्वारा दिनांक 01.07.2022 के प्रभाव से सम्पूर्ण बिहार राज्य की परिसीमा के भीतर पोलीस्टाइरीन और विस्तारित पोलीस्टाइरीन सहित निम्नलिखित एकल उपयोग वाले प्लास्टिक वस्तुओं के विनिर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को निषेध किया गया हैः- प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बडस, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडिया, पोलीस्टाइरीन (थर्मोकोल) की सजावट सामग्री। प्लेंटे, कप, गिलास, कॉटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे जैसे कटलरी मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट पैकेट के इर्द-गिर्द लपेटने या पैक करने वाली फिल्में, 100 माईक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टरर।
प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग
प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक (थर्मोकोल सहित) उत्पादों का उपयोग मूर्ति निर्माण तथा पंडाल सजावट में न हो इस हेतु सभी मूर्ति निर्माताओं तथा पंडाल निर्माताओं को सचेत करने का निर्देश सभी थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी बक्सर जिला, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं डुमराँव, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत चौसा, ब्रहम्पुर एवं इटाढी, अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी बक्सर एवं डुमराँव को दिया गया।
प्रत्येक पूजा समिति यह सुनिश्चित करेगी
बिहार (पूजा के उपरान्त मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली 2021 के अनुसार प्रत्येक पूजा समिति यह सुनिश्चित करेगी कि मूर्तियों को प्राकृतिक सामग्री यथा पारंपरिक मिटटी, बांस आदि से बनाया जाएगा, मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का उपयोग नहीं किया जाएगा, मूर्तियों की रंगाई के लिए जहरीले और गैर-जैव विघटनीय रासायनिक रंगों और कृत्रिम रंग का उपयोग नहीं किया जायेगा, मूर्तियों को पानी में घुलनशील और गैर विषैले प्राकृतिक रंगों से रंगा जाएगा, मूर्ति के उपरी ढांचा की उचाई 40 फीट से कम होनी चाहिए और मूर्ति भी 20 फीट से अधिक उची नहीं होनी चाहिए, पूजा सामग्री जैसे फूल और कागज और प्लास्टिक से बनी अन्य सजावटी सामग्री को मूर्तियों के विसर्जन से पहले हटाया जाना चाहिए और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के अनुसार निपटान के लिए जैव-विघटनीय सामग्रियों अलग से एकत्र की जानी चाहिए।
दिए गए निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन
सभी थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी बक्सर जिला, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं डुमराँव, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत चौसा, ब्रहम्पुर एवं इटाढी, अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी बक्सर एवं डुमराँव को निर्देश दिया गया कि यह सुनिश्चित किया जाय कि सभी पूजा समितियाँ दिए गए निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन कर रही है।
विसर्जन के समय मूर्ति विर्सजन की प्रक्रिया
सभी पूजा समितियों जो त्योहारों का आयोजन करती है और उसके द्वारा अथवा उसके निर्देश पर किसी अन्य के द्वारा बनाए गए पंडालों में मूर्तियों को बनाती है, से अनिवार्य रूप से घोषण पत्र प्राप्त कर लिये जाये जिसमें वर्णित होः- मूर्तियों के निर्माण और उपरी संरचना को खडा करने में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का उपयोग नहीं किया गया है, मूर्तियों के निर्माण और उपरी संरचना के निर्माण में पारा, कैडमियम, आर्सेनिक, शीशा और क्रोमियम जैसी जहरीली भारी धातुओं वाले कृत्रिम रंग का उपयोग नहीं किया गया है, मूर्ति की उचाई 20 फीट तक सीमित है,
विसर्जन के समय मूर्ति विर्सजन की प्रक्रिया के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा जारी सभी निर्देशों, जिसमें मूर्ति विसर्जन से संबंधित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देश शामिल होंगे, का अनुपालन कराने हेतु सभी थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी बक्सर जिला, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं डुमराँव, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत चौसा, ब्रहम्पुर एवं इटाढी, अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी बक्सर एवं डुमराँव को निदेशित किया गया।
पूजा समितियों का औचक रूप से निरीक्षण
त्योहारों के पूर्व किये जाने वाले तैयारियों के क्रम में पूजा समितियों का औचक रूप से निरीक्षण कर उनके द्वारा दिये जाने वाले घोषणाओं का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करने हेतु सभी थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी बक्सर जिला, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं डुमराँव, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत चौसा, ब्रहम्पुर एवं इटाढी, अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी बक्सर एवं डुमराँव को निर्देश दिया गया।
कृत्रिम तालाबों में ही मूर्तियों का विसर्जन
बिहार (पूजा के उपरान्त मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली 2021 के अनुसार कृत्रिम तालाबों में ही मूर्तियों का विसर्जन किया जाना है। अपने क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न पूजा समितियों के द्वारा किये जा रहे आयोजनों का आकलन करते हुए मूर्तियों के विसर्जन के लिए पर्याप्त संख्या में कृत्रिम तालाब का निर्माण कर पूजा समितियों को इनके साथ टैग/चिन्हित कर लिया जाय ताकि मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया में भीड-भाड की स्थिति उत्पन्न न हो तथा प्रदूषण का भार कम हो। कृत्रिम तालाबों/विसर्जन स्थलों का निर्माण कर मूर्ति विसर्जन की ऐसी घटनाओं से पूर्व जन जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से जनता और पूजा समितियों को सूचित करने का निर्देश दिया गया।
मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया के दौरान विसर्जन स्थल
मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया के दौरान विसर्जन स्थल पर जनित ठोस कचरा यथा-फूल, कपडा, सजावट सामग्री आदि को जलाने पर रोक लगायी जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि मूर्तियों के विसर्जन से संबंधित अन्य सभी अवशिष्ट पदार्थों को हटा दिया जायेगा और ठोस कचरे को संग्रह स्थल तक पहुचाया जायेगा, यदि इसे मूर्ति निर्माताओं या अन्य लोगों के द्वारा पुनः उपयोग के लिए एकत्र नहीं किया जायेगा। स्थानीय निकाय/प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि मूर्तियों के विसर्जन के पूर्व जैव विघटनीय सामग्री को हटा लिया जाय ताकि इन सामग्रियों का उपयोग खाद और अन्य उपयोगी उद्देश्यों के लिए किया जा सके। मूर्ति विसर्जन के 48 घंटे के भीतर मूर्ति विसर्जन स्थलों/तालाबों में बची हुई सामग्री को निपटान के लिए एकत्र कर लिया जाय।
सभी पूजा समितियों का यह दायित्व होगा कि वे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था करेंगे तथा मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद नई दिल्ली द्वारा बनाए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।