कृषि कालेज के वैज्ञानिकों द्वारा नोनिया डेरा में किसानों को पोषण संबंधी दी गई जानकारी 

यह भी पढ़ें

- Advertisement -

डुमरांव. लाखनडिहरा पंचायत के नोनिया डेरा गांव में राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज द्वारा संतुलित भोजन में फल, सब्जियों तथा दालों के योगदान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक दिवसीय ग्रामीण अंचल में पोषण वाटिका अपने घर में कार्यशाला का आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम डा. आनन्द कुमार जैन के नेतृत्व में किया गया. इस कार्यक्रम में कालेज के प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. शांति भूषण एवं सुनील कुमार उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. डा. आनन्द ने कहां की सब्जियों का भी संतुलित भोजन एवं पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण स्थान है. 

पौष्टिक तत्वों की मात्रा निर्भर करती है

पोषक तत्वों की उपलब्धता एक सब्जी से दूसरी सब्जी में भिन्न होती है, इन्हें किस रूप में प्रयोग किया जाता है, इस पर भी प्राप्त होने वाले पौष्टिक तत्वों की मात्रा निर्भर करती है. ज्यादातर सब्जियों को जहां पकाकर खाया जाता है. वही शलजम, मूली, गाजर, ककड़ी, प्याज, टमाटर, पत्तागोभी आदि को अक्सर कच्ची अवस्था में सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. डा. आनंद ने कहां कि तरबूज, खरबूज आदि को पकने के बाद फलों के रूप में खाया जाता है. जबकि कुछ सब्जियों जैसे प्याज, लहसुन, अदरक, पोदिना, धनिया आदि को मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है. 

मानव उपभोग के लिए दाल प्रोटीन का बेहद अहम 

डा. आनंद कुमार जैन ने दालों का उपभोग मनुष्य के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे हृदय की बीमारियों, मधुमेह और मोटापे का खतरा काफी कम हो जाता है. दालों का उपयोग बहुत सी गैर संक्रामक रोगों से बचाव में मददगार है. वैज्ञानिक सुनील ने कहां कि मानव उपभोग के लिए दाल प्रोटीन का बेहद अहम स्रोत है. शरीर के विकास और अंदरूनी मरम्मत के लिए प्रोटीन जरूरी होता है. प्रोटीन के अन्य स्रोतों की तुलना में दाल के उत्पादन में बहुत कम कार्बन फुटप्रिंट होता है. उनका कहना है, “खाद्य उत्पादन के लिए नाइट्रोजन एक बेहद अहम पोषण तत्व होता है.

अलसी के छोटे-छोटे बीजों के बड़े-बड़े फायदे

डा. शांति भूषण ने बताया कि अलसी के ये छोटे-छोटे बीजों के बड़े-बड़े फायदे हैं. अलसी के बीज का रोज सेवन करने से आपका पाचन का ठीक रहता है, त्वचा में निखार आता है, कोलेस्ट्राल कम होता है, सुगर कंट्रोल रहता है और शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहता है. जिससे वजन नियंत्रित रहता है. अलसी में विटामिन ई और ओमेगा 3 फैटी एसिड अल्फा-लिनोलेनिक एसिड पाया जाता हैं, जो दिल और दिमाग को दुरुस्त रखते हैं. 

ग्रामीण अंचल में होती रहेंगी कार्यशाला 

- Advertisement -

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान श्याम प्रसाद रैदास ने की. इस कार्यशाला में गोपाल प्रसाद , वीर बहादुर, राजू, ओम प्रकाश, कौशल्या देवी, अंगूरी देवी, मीना देवी तथा अन्य 25 लोग उपस्थित थे. अंत में उपस्थित प्रतिभागियों का आभार व धन्यवाद डा. आनंद कुमार जैन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की कार्यशाला ग्रामीण अंचल में होती रहेंगी.

- Advertisement -

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

संबंधित खबरें