तकनीक के साथ कौशल व रचनात्मक वर्ग शिक्षण आज समय की पुकार : मनीष

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डुमरांव/सिमरी : तकनीक के साथ कौशल और रचनात्मक वर्ग शिक्षण आज समय की पुकार है. उक्त बातें प्रशिक्षक शिक्षक डा. मनीष कुमार शशि की है, जो शनिवार को प्रखंड संसाधन केंद्र सिमरी में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक और दिनांक के आलोक में उक्त प्रशिक्षण में पर्यवेक्षक की भूमिका में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की रही. उनके निर्देशन में प्रशिक्षक के रूप में शिक्षक डा. मनीष कुमार शशि ने तकनीक के साथ रचनात्मक वर्ग शिक्षण पर विस्तृत ऑनलाइन और ऑफलाइन बातें की.

तकनीकी के साथ रचनात्मक शिक्षण एवं अधिगम

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज एवं यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से चलाए जा रहे प्रशिक्षण ‘तकनीकी के साथ रचनात्मक शिक्षण एवं अधिगम’ के दौरान प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्लान के साथ प्रखंड सिमरी बक्सर जिले के विभिन्न प्रतिभागियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई. इसके साथ साथ 21वीं शताब्दी के स्किल 4Cs- कम्युनिकेशन यानी संचार, क्रिएटिविटी यानी रचनात्मकता, क्रिटिकल थिंकिंग यानी आलोचनात्मक एवं को  कोलैबोरेशन अर्थात सहकार्यता पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.

सर्वेक्षण शीर्षक पर भी हुई परिचर्चा

शिक्षक डा. मनीष कुमार शशि ने तकनीक के साथ रचनात्मक शिक्षण और अधिगम के लिए बातें की. शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्लान नियोजित करने पर परिचर्चा की अपने प्रशिक्षण योजना को सभी से जाना, प्रशिक्षण में उपयोग के लिए संसाधन पर चर्चा हुई. स्थानीय राज्य प्राधिकरण से सुझाव, व्यवस्थाएं विकास कार्यक्रम के तहत चर्चा, क्विज का आयोजन कैसे हो, गतिविधि पर भी विस्तृत बातें हुई. जिसके तहत व्यक्तिगत अनुभव को कैसे साझा करें. सर्वेक्षण शीर्षक पर भी परिचर्चा हुई. जिसके तहत पाठ के दौरान या बाद में विद्यार्थी के व्यवहार कौशल जीवन शैली दृष्टिकोण या धारणा में अपेक्षाकृत स्थाई और ध्यान देने योग्य परिवर्तन पर बातें हुई. 

नई अवधारणाओं को अपनाने पर हुई परिचर्चा

एक अवधारणा के आसपास जुड़ाव और ज्ञान का उदय कैसे हो, छात्र और अवधारणा और संदर्भ को अपने जीवन से जोड़ते हैं, इस व्यक्तिगत और पर ज्ञान साझा  हुई. मौजूदा युक्त विचारों और पूर्व विज्ञान के साथ नई अवधारणाओं को अपनाने पर परिचर्चा हुई. तकनीकी अधिगम की तत्परता, शिक्षा और तकनीकी और दूरी तकनीकी अध्ययन, कोविड-19, स्वास्थ्य जीवन शैली, बच्चें जिज्ञासु होते हैं, अधिगम के उदाहरण स्वास्थ्य पर समझ गतिविधि और वर्ग करके सीखना, सरकारी विद्यालय एवं तकनीक वर्ग शिक्षण के साथ-साथ यूनेस्को के बातों पर भी विस्तृत ज्ञान साझा  हुई. 

तकनीक के विकास पर हुई बातें

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टेलीविजन रेडियो टेलीफोन और इंटरनेट के संयोजन से तकनीक के विकास पर बातें हुई. मीटिंग में भी आपसी परिचर्चा जारी रखें. ऑनलाइन और ऑफलाइन 2 दिन इस पर विस्तृत चर्चा होती रही. भाग लेने वाले वरीय शिक्षकों में अश्वनी कुमार यादव, उमेश कुमार सिंह, बलजीत कुमार, कृपाशंकर सिंह, अशोक कुमार सिंह, सारिका चौधरी, अरुण कुमार तिवारी, धीरज कुमार मिश्रा, मो. इम्तियाज आलम, अवधेश राय, बबीता कुमारी के नाम पदाधिकारी द्वारा जारी सूची में दिखे. प्रखंड सिमरी के प्रधानाध्यापक और वरीय शिक्षक इस प्रशिक्षण से काफी हर्षित दिखे.

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