सीतामढ़ी। जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इसी के तहत जिलेभर में फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) की शुरुआत की जा रही है। जिले के सभी पीएचसी- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और रेफरल अस्पतालों में एक-एक एमएमडीपी क्लिनिक, जबकि प्रखंड स्तर पर दो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में एमएमडीपी क्लिनिक खोलने की कवायद चल रही है। गुरुवार को पुपरी अनुमंडल के बाजपट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में फाइलेरिया क्लिनिक का शुभारम्भ किया गया। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव और पुपरी अनुमंडल अधिकारी नवीन कुमार ने एमएमडीपी क्लिनिक का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर 20 हाथी पाँव के मरीजों को एमएमडीपी किट भी वितरित किया गया। उन्हें स्वऊपचार के साथ-साथ पैर की देखभाल, व्यायाम तथा सही तरह के चप्पल पहनने आदि के बारे मे प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर अनुमंडलाधिकारी ने सभी से इस भयंकर रोग से बचाव हेतु दवा की खुराक लेने, पैरों की देखभाल के लिए बताये गये तरीके का प्रयोग करने एवं हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने की अपील की। उन्होंने आशा एवं जन प्रतिनिधियों से नाइट ब्लड सर्वे में सहयोग कर इसे सफल बनाने का आह्वान किया।
फाइलेरिया मरीजों को होगी सुविधा
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि इस क्लिनिक को खोलने का मकसद है कि फाइलेरिया जैसी बीमारी को रोका जा सके। फाइलेरिया पीड़ित मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने एवं क्लीनिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने को लेकर इसकी शुरुआत की गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर एमएमडीपी क्लिनिक खोला जा रहा है, ताकि लोगों को परामर्श हेतु बहुत दूर नहीं जाना पड़े। जो फाइलेरिया रोगी जिला मुख्यालय तक नहीं आ सकते उनके लिए उनके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार और जरूरी सुविधायें भी मिलेंगी। उन्होंने बताया कि समेकित सहभागिता से वे कालाजार की तरह फाइलेरिया से भी सीतामढ़ी को मुक्त करेंगे।
सहभागिता से फाइलेरिया मुक्त सीतामढ़ी करेंगे
डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने कहा कि जो फाइलेरिया से पीड़ित हैं, वे एमएमडीपी क्लिनिक में जाकर इसकी देखभाल और ऊपचार की जानकारी लेकर इसे आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। इस क्लिनिक के माध्यम से फाइलेरिया रोगियों के जीवन को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। क्लिनिक में रोगियों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में जानकारी दी जाएगी और रोजमर्रा की दिक्कत जैसे पैर में इन्फेक्शन हो जाना, सूजन या दर्द होने की जानकारी देने के साथ-साथ प्रैक्टिकली उनके घाव की साफ सफाई, दवाई और नियमित रूप से एक्सरसाइज के बारे में बताया जाएगा।
फाइलेरिया एक घातक बीमारी
फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। ये साइलेंस रहकर शरीर को खराब करती है। यही कारण है कि इस बीमारी की जानकारी समय पर नहीं हो पाती। फाइलेरिया एक परजीवी रोग है और कृमि जनित मच्छर से फैलने वाला रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे एवं रुके हुए पानी में पनपता है। इस मच्छर के काटने से किसी भी उम्र का व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) फाइलेरिया के लक्षण हैं।
ऐसे लक्षण दिखाई देने पर फौरन अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचकर इलाज कराएं। इस अवसर पर बनगाँव उत्तरी के मुखिया, अनुज कुमार पंचायत समिति सदस्य धीरेन्द्र कुवँर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एपी झा, केयर इण्डिया के डीपीओ प्रभाकर सिंह, विक्रम कुमार समेत चिकित्सा पदाधिकारी बीसीएम, भीबीडीएस, आशा आदि उपस्थित थे।