सीतामढ़ी : टीबी रोगी खोज में आ रही तेजी, पूरे सितंबर लगेंगे कैंप

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सीतामढ़ी। 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को लेकर जिलेभर में अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिले में टीबी मरीजों की खोज की जा रही है। सदर अस्पताल से लेकर अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में शिविर लगाकर लोगों की टीबी जांच की जा रही है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जिला पदाधिकारी मनेस कुमार मीणा ने बीते दिनों हुए नीति आयोग की बैठक में टीबी रोगियों की खोज में तेजी लाने का निर्देश दिया था। इसके लिए विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों समेत अन्य जगहों पर स्वास्थ्य शिविर लगाने का निर्देश भी दिया था।

जिलाधिकारी ने लक्ष्य के अनुरूप टीबी नोटिफिकेशन करने के लिए कहा था। इसके बाद सिविल सर्जन ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र लिख कर टीबी मरीजों की खोज के लिए कैम्प आयोजित करने का आदेश दिया है। पूरे सितंबर महीने टीबी मरीजों की खोज के लिए जिले भर में कैम्प आयोजित किये जायेंगे। ईंट-भट्ठों, झुग्गी झोपड़ियों, महादलित टोलों, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों आदि जगह जांच शिविर लगाकर अधिक से अधिक टीबी मरीजों की खोज की जाएगी। 

आमजन का सहयोग जरूर

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि भारत सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह आम जन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने सभी से टीबी रोगी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने बताया कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमीं और वजन कम होना आदि लक्षण अगर किसी में है तो कैम्प में जाकर टीबी की जांच करा सकते है।

अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें। इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि कैम्प में जन सामान्य को माइकिंग, पंपलेट के माध्यम से भी टीबी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

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किसी को भी हो सकता टीबी

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि टीबी हमें नहीं हो सकता। अमीर हो या गरीब, टीबी किसी को भी हो सकता है। टीबी जात-पात, ऊंच-नीच नहीं देखता। इसलिए लोगों को यह भ्रम निकाल देना चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त जिला बनाने के लक्ष्य के साथ यक्ष्मा केंद्र के कर्मी लगातार प्रयास कर रहे हैं। विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे हैं। टीबी उन्मूलन के लक्ष्य के साथ कर्मी दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों तक  गांवों का दौरा कर रहे हैं।

टीबी मरीजों से मिल रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं, ताकि उनका हौसला बढ़ा रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यवेक्षकों द्वारा मरीजों का समुचित ध्यान रखा जा रहा है। क्षेत्र भ्रमण कर वे टीबी मरीजों के दवा सेवन, उनके खानपान, रहने व सोने के तरीकों, मास्क के उपयोग समेत अन्य दिनचर्या की जानकारी दे रहे हैं। 

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