सीतामढ़ी। सदर अस्पताल के पास बुधवार को गुटखा और तंबाकू बेचने व खाने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग के तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा के नेतृत्व में अस्पताल परिसर में तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस दौरान कुल 10 लोगों को अस्पताल परिसर में तम्बाकू सेवन करके यत्र-तत्र थूकने के कारण दण्डित किया गया और जुर्माना वसूला गया है। एनसीडीओ डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन कैंसर का कारक बनता है। इसमें भी पान मसाले के साथ तंबाकू मिलाकर सेवन करना और खैनी खाने से मुंह के कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
यह बुरी लत अब युवाओं में भी देखने को मिल रही है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित गैट्स 2 के सर्वे में हालांकि बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या में कमी आने की बात कही गयी है। यह आंकड़ा पिछले 7-8 साल में 53.5% से घट कर 25.9% हो गया है। जिसमें चबाने वाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 23.5% है।
यत्र तत्र थूकने से कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक
डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बहुत हीं हानिकारक है। थूकना संक्रमण रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। भा.द.वि. (आईपीसी) की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के अवसर पर उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरुद्ध कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है, तो उसे छह माह की कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है।
तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करें
डॉ. सिन्हा ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के अनुपालन का एक स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया जाता रहा है। उक्त अनुपालन सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त के तय मानकों के आधार पर सीतामढ़ी जिला को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है। उन्होंने ज़िला वासियों से अपील करते हुए कहा कि हमलोगों को अपने जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।