पटना : केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को नंदन कानन जूलॉजिकल पार्क भुनेश्वर का निरीक्षण किया। इस मौके पर शेर की बच्ची व बाघ की बच्ची को क्रमशः कामिनी और हिमांशी नामकरण भी किया। उन्होंने कहां कि पशुओं के जीवन निकट से देखने का अलग रोमांच होता है। उन्होंने बाघ की बच्ची के देखभाल करने प्रशांत से बातचीत भी की। उनका अनुभव भी जाना। प्रशांत ने वर्षा (बाघ की बच्ची) का पालन पोषण किया है।
मनुष्य और जानवर का ऐसा अद्भुत प्रेम : अश्विनी चौबे
अब वह एक वर्ष से अधिक हो चुकी है। दो और नन्हे शावक, एक शेर की बच्ची, एक बाघ की बालिका का पालन प्रशांत अभी कर रहे हैं, दोनो करीब चार माह के हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने बताया कि मनुष्य और जानवर का ऐसा अद्भुत प्रेम देखकर मन प्रफुल्लित हो गया। घायल पशुओं के लिए बने हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया। वहां एक वर्षीय घायल तेंदुआ का इलाज चल रहा था।
प्रकृति और मनुष्य का ऐसा समन्वय स्थापित हो तो जानवर भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। नंदन कानन की पूरी टीम को उन्होंने बधाई दी। इस अवसर पर दोनों नन्हे बच्चों का कामिनी और हिमांशी नामकरण भी किया।