आरा : कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किया जा रहा लोगों को जागरूक

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आरा | जिले में पोषण के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट करने और उन्हें सुपोषण की राह पर अग्रसर करने हेतु पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में बीते दिन लाभार्थी महिलाओं और नामांकित बच्चों को पोषण के साथ साफ-सफाई को लेकर जागरूक किया गया। साथ ही, पोषण वाटिका की  थीम को जनजन तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर पौधरोपण भी किया गया। इस क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के सफल संचालन की पूरी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविका-सहायिका व पर्यवेक्षिकाओं की कंधों पर ही है। आंगनबाड़ी केंद्र अंतर्गत क्षेत्र में पोषण जागरूकता रैली भी निकाली जा रही है। ताकि, कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक कर उनको अभियान से जोड़ा जा सके। 

लाभार्थियों को सेहतमंद बनाने में सहयोग करेगा

डीपीओ माला कुमारी ने बताया, पोषण माह में गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके स्वास्थ्य सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त रसोई व न्यूट्रीशन गार्डेन विकसित कराने का अभियान चलाया जा रहा। साथ ही, जिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाली जमीन नहीं है, वहां गमलों में पौधे लगवाए जा रहे। उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका का मुख्य उद्देश्य शिशुओं, बच्चों व लाभार्थी महिलाओं को सेहतमंद बनाने में सहयोग करना है। जिससे लोगों में यह समझ पैदा हो सके कि वो घर में भी पौष्टिक सब्जियों को लगाकर कुपोषण को दूर कर सकते हैं। मौजूदा समय में बच्चों में कुपोषण दूर करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। कुपोषित बच्चे किसी समाज के लिए सही नहीं है। इसी वजह से कुपोषण दूर करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है।

कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के लिए प्रसार जारी

पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय स्तर के खानपान को बढ़ावा देकर स्वास्थ्य की डगर बनाई जाएगी। कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने तथा कुपोषित को सुपोषित में तब्दील करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया, इस अभियान में बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन के सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। कुपोषण के खिलाफ अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी तथा कोविड-19 के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों को चलाया जा रहा है। वहीं, अभियान चला कर कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है। यदि किसी में अति कुपोषण के लक्षण दिखाई पड़ेंगे, तो उस बच्चे का इलाज पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में कराया जायेगा।

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