बक्सर : पंचायत के लोगों को करूंगी जागरूक, ताकि लोगों में बढ़े टीबी के प्रति जानकारी – मुखिया

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बक्सर | जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में जिला यक्ष्मा केंद्र ने रणनीति के तहत कार्य आरंभ कर दिया है। इस क्रम में जिला यक्ष्मा केंद्र व सदर प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसकी अध्यक्षता नदांव पंचायत की मुखिया पिंकी देवी ने की। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य विभाग के संकल्प के संबंध से अवगत कराया गया। पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में यह कार्य नदांव से ही शुरू किया जा रहा है। जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहम होगी। पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि जिसमें पंचायत की मुखिया, वार्ड सदस्य और पंच-सरपंचों को भी इस अभियान में शामिल किया जा रहा है। जिनके माध्यम से पंचायत के घर-घर में लोगों को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी पहुंचाई जाएगी। मौके पर सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह, एसटीएलएस कुमार गौरव, एसबी राहुल कुमार, एएनएम सुमित्रा कुमारी और पंचायत की सभी आशा कार्यकर्ताएं शामिल रहीं।

आशा करेंगी टीबी मरीजों की पहचान

इस दौरान एसटीएलएस कुमार गौरव ने आशा कार्यकर्ताओं को टीबी के लक्षणों की पहचान की जानकारी दी। साथ ही, उन्हें टीबी मुक्त पंचायत बनाने की दिशा में उनकी भूमिका से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 13 से 15 सितंबर तक नदांव पंचायत की सभी आशा अपने अपने इलाके के सभी घरों का सर्वे करेंगी। जिसमें उन्हें खांसी और टीबी के लक्षणों वाले मरीजों को चिह्नित करना है। उसके बाद उन लोगों से सुबह में बलगम संग्रहित  कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से जिला यक्ष्मा केंद्र में भेजा जाएगा। जांच में यदि किसी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उनका नोटिफिकेशन कर उनका इलाज एचडब्ल्यूसी के स्तर से कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एचडब्ल्यूसी को टीबी की दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। ताकि, मरीजों की पुष्टि होने के बाद उनको इलाज की सुविधा के साथ दवा  पंचायत स्तर पर ही मिल सके। इस बीच पॉजिटिव मरीजों के परिवार के एक-एक व्यक्ति की जांच कर टीपीटी के तहत उनका इलाज किया जाएगा।

लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का मुखिया ने दिया आश्वासन

इस क्रम में अभियान की सभी बातों को जानने के बाद मुखिया पिंकी देवी ने कहा कि जब हम छोटे थे, तब किसी को टीबी होने पर लोग उसे दूरी बना लेते थे। पहले टीबी को अभिशाप  समझा जाता था। यहां तक कि इलाज के अभाव में कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है। लेकिन, अब सरकार टीबी मरीजों का नि:शुल्क इलाज कर रही है। जो अपने आप में सराहनीय है। लोगों को इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारियों को टीबी उन्मूलन अभियान में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं टीबी मरीजों के घरों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। ताकि, लोगों में टीबी के प्रति जानकारी बढ़े और वो अपना इलाज बेझिझक कराने के लिए आगे आएं।

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