पटना. राज्य स्तरीय एक दिवसीय गैर आवासीय किशोरी अवस्था की समझ कार्यशाला कार्यक्रम चलाया गया. शिक्षा भवन पटना में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित एवं अभियान गीत से भारत भूषण राज्य साधन सेवी बिहार शिक्षा परियोजना, शाहिद मोबिन अपर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एवं मेरी एडमिन से हुई. 38 जिले से चयनित शिक्षिकाओं ने भाग लिया.
शिक्षक-शिक्षिकाओं का क्या योगदान
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था, किशोरियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, उनके व्यक्तित्व के विकास में विद्यालय स्तर पर अपनी भूमिकाओं का निर्वहन करना, छात्राओं के सर्वांगीण विकास में विद्यालय का क्या योगदान है, शिक्षक-शिक्षिकाओं का क्या योगदान है, इस पर चर्चा करना, एवं कार्य योजना बनाना. बच्चों को अपने मन की बात प्रश्न बॉक्स के माध्यम से शिक्षिकाओं तक पहुंचाना, छीजन की दर को रोकना, बाल विवाह को रोकना, उनके पढ़ाई लिखाई में आने वाले बाधाओं को दूर करना मुख्य उद्देश्य है. हर एक बिंदु पर विस्तार से चर्चा की गई और इस काम को अपने विद्यालय में कैसे करना है, उसकी जानकारी भी शिक्षकों को दी गई.
किशोरावस्था में बच्चों को जागरूकता
किशोरी मंच की गतिविधियों को प्रोजेक्ट के माध्यम से सुगम करता से भी बनवाया गया और सभी शिक्षकों द्वारा अपने पूर्व से किए गए कार्यों का समीक्षा भी करवाया गया. स्मार्ट टीवी के माध्यम से शिक्षकों को बच्चों को प्रेरित करने वाले कुछ फिल्म दिखाए गए हैं. जिनमें आधा फ़ुल, पहले की सहेली, किशोरावस्था की देखभाल इत्यादि कुछ फिल्म भी दिखलाया गया. किशोरावस्था में बच्चों को जागरूकता लाना बहुत जरूरी है.
नई पीढ़ी पर्यावरण को बचाने
जब हमारी नई पीढ़ी पर्यावरण को बचाने और उसे पल्लवित करने के लिए आगे आएंगे तो हमारा भविष्य सुरक्षित होगा. बक्सर जिले से बक्सर जिले से डा. पम्मी राय हाई स्कूल मठिला तथा ममता कुमारी इंदिरा हाई स्कूल ने अपनी पूरी सहभागिता दी. अन्य शिक्षिकाओं में संगीता सिंह, अर्चना कुमारी, आशा पांडे, प्रियंका पांडे इत्यादि शामिल थी.