डुमरांव. जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय के हरियाणा कृषि फार्म में चल रहें अनुसंधान प्रयोगों को देखने के लिए कैमूर जिले के आत्मा द्वारा प्रायोजित अंतर्जनपदीय भ्रमण कार्यक्रम के तहत किसानों ने देखा. अनुसंधान प्रयोग के प्रधान अन्वेषक डा. आनन्द कुमार जैन, सह अन्वेषक डा. अखिलेश कुमार सिंह, इंजीनियर विकास चंद्र वर्मा तथा तकनीकी सहायक इंजीनियर अनमोल कुमार उपस्थित थे.
जलवायु परिवर्तन का असर प्रत्यक्ष या परोक्ष
डा. जैन ने कहां कि जलवायु परिवर्तन का असर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से फसल, पानी और मिट्टी पर पड़ता है, क्योंकि ये पानी की उपलब्धता, सुखाड़ की तीव्रता, सूक्ष्मजीव की आबादी, मिट्टी में मौजूद जैविक तत्वों में कमी, कम पैदावार, मृदा अपरदन के चलते मिट्टी की उर्वराशक्ति में गिरावट आदि को प्रभावित करता है. आज आवश्यकता है कि किसानों को अपनी खेती में बदलाव लाना होगा एवं बदलते मौसम के अनुसार खेती करनी होगी तभी भविष्य में अच्छी पैदावार के साथ-साथ हम अपने खेतों की उर्वरा शक्ति को कायम रख सकते हैं. जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत खेती करने से यह पद्धति आनेवाली पीढ़ी के लिए जलवायु परिवर्तन को देखते हुए गरीबी और भुखमरी को कम करेगी.
जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं
डा. आनन्द कुमार जैन ने यह भी बताया कि जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए और पैदावार बढ़ाने के लिए जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने के उद्देश्य से इस परियोजना के तहत प्रशक्षिण एवं भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस भ्रमण कार्यक्रम में आत्मा योजना कैमूर के सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) विकास कुमार के साथ जनपद के विभिन्न प्रखंडों से आए 70 किसानों ने भाग लिया.