सीतामढ़ी। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को मासिक समीक्षा बैठक यक्ष्मा कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में सभी एसटीएस, एसटीएलएस, एलटी आदि शामिल हुए। इस अवसर पर टीबी रोग के उन्मूलन को लेकर जिले में किये जा रहे प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सीडीओ ने एनटीईपी (नेशनल ट्यूबरक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के अंतर्गत निक्षय पोषण राशि (डीबीटी) एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया। सभी एसटीएससी-एसटीएलएस को निर्देश दिया गया कि निश्चय पोर्टल पर प्रतिदिन टेस्ट लिस्ट मॉनिटरिंग करें। साथ ही नियमित रूप से अपडेट भी करते रहें।
टीबी उन्मूलन के लिए समाज में जागरूकता जरूरी
डॉ मनोज कुमार ने यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की प्रखंडवार उपलब्धियों की समीक्षा कर एक्टिव केस फाइंडिंग एवं निक्षय पोषण राशि का भुगतान करने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि जिले में टीबी उन्मूलन के लिए समुदाय आधारित जागरूकता अभियान चलाया जाना आवश्यक है। इसके लिए दूरस्थ एवं चिह्नित कठिन क्षेत्रों में आशा एवं अन्य सामुदायिक उत्प्रेरक द्वारा गृह भ्रमण कर संभावित टीबी रोगियों की पहचान करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्थानीय निकटतम बलगम जांच केंद्र अथवा ट्रुनेट लैब में सैंपल की जांच करवाने का निर्देश दिया। सभी पंजीकृत टीबी रोगियों का घर भ्रमण कर संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों एवं वयस्कों में टीबी की स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया तथा योग्य बच्चों की लाइन लिस्टिंग करवाने का निर्देश दिया।
टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें
यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरू किया जाना चाहिए। ताकि दूसरे व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। बैठक के दौरान सभी एसटीएस को निर्देश दिया गया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को भी दवा देना सुनिश्चित करें। अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।