मुजफ्फरपुर। आइईआरएस के द्वितीय चक्र की शुरुआत पांच सितंबर से होगी। इसमें कालाजार प्रभावित 288 राजस्व गांवों में सिंथेटिक पैराथायराइड पाउडर का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए जिला टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। इसमें कुल 70 दल काम करेंगे। ये बातें समाहरणालय के सभागार में जिला टास्क फोर्स के बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने कही। डीडीसी ने कहा कि आइआरएस के छिड़काव में सबसे बड़ी बाधा पूर्व सूचना का अभाव है। इसे दूर करने के लिए शिक्षा विभाग, जीविका, पंचायती राज विभाग तथा आइएमए को छिड़काव से पूर्व संबंधित क्षेत्र में सूचना देने में मदद करने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त आशा भी छिड़काव हो रहे गांवों में छिड़काव पूर्व सूचना देंगी।
समय पर करें छिड़काव
डीडीसी ने कहा कि छिड़काव दल दवा छिड़कने में समय का ख्याल रखें। समय से छिड़काव सबसे महत्वपूर्ण है। इससे दवा की गुणवत्ता बनी रहती है। डीडीसी ने छिड़काव में इस्तेमाल किए जाने वाले पंप की भी सफाई और मेंटनेंस पर ध्यान देने को कहा, ताकि एसपी पाउडर की क्वालिटी पर कोई असर नहीं हो।
ब्लॉक लेवल पर होगी मॉनिटरिंग
डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि छिड़काव की मॉनिटरिंग ब्लॉक लेवल पर करें। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को भी एक-एक गांव गोद दे दें। खुद भी छिड़काव की मॉनिटरिंग करें।
होगा छिड़काव दलों का प्रशिक्षण
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि शनिवार को सुपरवाइजर, एसएफडब्ल्यू और एफडब्ल्यू का प्रशिक्षण होगा। जिसमें उन्हें दवा की मात्रा और छिड़काव के तरीके के बारे बताया जाएगा। रविवार को सिर्फ सुपरवाइजर का प्रशिक्षण होगा।
फाइलेरिया के बारे में करें प्रशिक्षित-
डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने साहेबगंज, कांटी ओर मोतीपुर में जीविका द्वारा अपेक्षाकृत कम फाइलेरिया मरीज खोजने पर रोष व्यक्त किया। वहीं हाइड्रोसिल फाइलेरिया की पहचान के लिए ग्रामीण चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित करने को कहा। उन्होंने जानकारी दी कि मुरौल और मोतीपुर के अलावा अब कांटी में भी हाइड्रोसिल का ऑपरेशन वहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होगा। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, भीबीडीसी पुरुषोत्तम कुमार, केयर के प्रतिनिधि सोमनाथ ओझा सहित सभी पीएचसी के एमओआईसी और बीसीएम उपस्थित थे।