डुमरांव. बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान बामेती पटना द्वारा वित्त पोषित तीन दिवसीय खरीफ प्याज उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज के सभागार में विभिन्न सात जिलों से आए प्रतिभागियों को कृषि कालेज के कृषि अभियंत्रिकी विभाग के वैज्ञानिक इंजीनियर विकास चंद वर्मा ने अपने व्याख्यान में बताया कि प्याज का भंडारण कम लागत में कैसे करें. उन्होंने कहां कि प्याज की खेती करने वाले किसानों को दामों में उतार-चढ़ाव का देखने को मिलता है. किसान भाई प्याज का भंडारण कर उसे सही समय पर बाजार में बेच सकते हैं अथवा प्याज का प्रसंस्करण कर उसे अधिक दामों पर बेच सकते हैं. आप सभी जानते हैं भारत में प्याज की मांग पूरे वर्ष रहती है. अतः, प्याज कंद का भंडारण पूरे वर्ष की आपूर्ति के लिए आवश्यक होता है.
प्याज को हमेशा ऐसी जगह पर स्टोर करें, जहां नमी या पानी न हो
खरीफ और पछेती खरीफ प्याज की अपेक्षा रबी प्याज में बेहतर भंडारण क्षमता होती है. प्याज का भंडारण मौसम, किस्में, कंद सुप्तावस्था, पोषक तत्व, सिंचाई प्रबंधन, कीट और रोग का प्रकोप और कटाई पूर्व व उपरांत प्रबंधन के तरीके और भंडारण परिस्थिति जैसे विभिन्न मानकों पर निर्भर करता है. एक ठंडा, सूखा और अंधेरा स्थान प्याज को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए सबसे अच्छी जगह है. प्याज को हमेशा ऐसी जगह पर स्टोर करें, जहां नमी या पानी न हो. कार्यक्रम में आए हुए प्रतिभागियों ने बताया की यह ट्रेनिंग प्रोग्राम वास्तव में हमारे लिए तथा हमारे क्षेत्र के किसानों के लिए भविष्य में काफी लाभदायक होगा. क्योंकि हमारे क्षेत्र में किसान भाई खरीफ प्याज को उत्पादित करेंगे तथा उसमें आने वाली समस्याओं का समाधान करने में प्रशिक्षण के तकनीकी ज्ञान से मदद मिलेगी.
प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
प्रतिभागियों ने कोर्स निदेशक डा. नीतू कुमारी की प्रशंसा करते हुए कहां उन्होंने इस तरह का कोर्स कंटेंट प्रशिक्षण का रखा. जिसमें हम लोगों ने ज्यादा ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ. कृषि कालेज प्राचार्य डा. रियाज अहमद ने सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने कहां की इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से राज्य के किसानों की आर्थिक लाभ के साथ-साथ तकनीकी कृषि का स्तर ऊपर होगा. प्रशिक्षण के इंचार्ज डा. आनंद कुमार जैन ने सभी का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया. प्रशिक्षण के समापन समारोह में उद्यान विभाग के वरीय वैज्ञानिक डा. धनंजय कुमार सिंह, प्रशिक्षण के समन्वयक पवन शुक्ला, वैज्ञानिक प्रणव पांडे, डा. एसआरपी सिंह तथा महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक उपस्थित थे.