बक्सर में प्रस्तावित भव्य श्रीराम कथा व विराट संत समागम को लेकर हुई बैठक में कार्यक्रम को दिया गया मूर्तरूप

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पटना : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे की अध्यक्षता में पटना में श्रीराम कर्मभूमि न्यास, सहित विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में बक्सर में 7 से 15 नवम्बर तक भगवान श्रीराम की शिक्षा दीक्षा व कर्मस्थली सिद्धाश्रम बक्सर में प्रस्तावित विराट संत समागम, श्रीराम व श्रीमद्भागवत कथा के कार्यक्रम को मूर्त रूप दिया गया। बक्सर की दिव्यता के बारे में देश भर में ख्याति फैले, इस उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से भगवान श्रीराम की झांकी आएगी।

देश के सभी प्रमुख मंदिरों व मठों को निमंत्रण

विराट संत समागम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत आयेंगे। इस समागम में केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, असम, उत्तरपूर्व के अन्य राज्य, बिहार, उत्तराखंड उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ उड़ीसा हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में संत बक्सर पहुंचेंगे। देश के सभी प्रमुख मंदिरों व मठों को निमंत्रण भेजा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने बताया कि बक्सर का आध्यात्मिक व सांस्कृतिक महत्व है। इसका पुनः गौरव लौटे, इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है। पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर, चित्रकूट धाम, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से श्रीराम कथा होगा। पूज्य श्री अनंताचार्य जी महाराज श्रीमद्भागवत कथा कहेंगें।

प्रतिदिन भव्य गंगा आरती, टेंट सिटी का निर्माण गंगा किनारे

पूज्यश्री जीयर स्वामी जी के संरक्षण में विराट संत समागम सिद्धाश्रम बक्सर की भूमि पर आयोजित किया जाएगा। प्रतिदिन भव्य गंगा आरती होगी साधु-संतों के रहने के लिए विशाल टेंट सिटी का निर्माण गंगा किनारे कराया जाएगा। प्रतिदिन 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसे केंद्र में रखकर पूरी व्यवस्था की तैयारी की जाएगी। बैठक में विधान पार्षद सच्चिदानंद राय, राजेंद्र जी, छविनाथ त्रिपाठी, सुभाष कुमार ईश्वर कंगन, बीरेंद्र यादव, राकेश प्रवीर, राम बालक प्रसाद, कृष्णकांत ओझा, परशुराम चतुर्वेदी, अरुण मिश्रा, अभिजीत कश्यप , विनोद ओझा, धनंजय चौबे, कचन किशोर, संजीव यादव, सुशील सुन्दरका, संजीव मिश्रा, आदि सहित धार्मिक, सामाजिक व आध्यात्मिक संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे।

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