मोतिहारी। जिले के 26 प्रखंडों में चिन्हित स्थानों पर कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव 05 सितम्बर से शुरू होगा जो 60 कार्य दिवस तक चलेगा- उपरोक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने कही। उन्होंने बताया कि इस छिड़काव कार्यक्रम को आरंभ करने को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से पत्र जारी किया गया है। बरसात के बाद के समय में वेक्टर जनित रोगों में ख़ासकर कालाजार का प्रकोप बढ़ जाता है।
35 भीएल और 9 पीकेडीएल के मरीज पाए गए हैं
जिला वेक्टर पदाधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया कि इस साल 2022 के अगस्त महीने तक 35 भीएल और 9 पीकेडीएल के मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि 05 सितंबर से अक्टूबर माह तक चिन्हित करीब 26 प्रखंडों के 149 पंचायतों में 11 लाख 88 हजार 857 की आबादी और 2 लाख 24 हजार 678 घरों में छिड़काव होगा। इसके तहत कर्मियों को रोजाना कम से कम 60-65 घरों में छिड़काव करने को कहा गया है। इसमें एक भी घर नहीं छूटे, इसका ख्याल रखने को कहा गया है। इस काम में आशा, फैसिलिटेटर व प्रखंड स्तर के कर्मियों व अधिकारियों को शामिल किया गया है। इसके सही क्रियान्वयन को लेकर सबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही कोरोना को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि बैनर, पोस्टर व मीडिया के माध्यम से इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
बालू मक्खी से होता है कालाजार
जिला वेक्टर पदाधिकारी ने बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी होती है। इसको खत्म करने तथा कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) किया जाता है। यह छिड़काव घर के अंदर दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक होती है। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रत्येक घर में छिड़काव कराना चाहिए। चाहे वह पूजा घर हो, बाथरूम हो या मवेशियों का स्थान। सभी जगहों पर छिड़काव कराने से कालाजार संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करना चाहिये।
कालाजार के लक्षण
भिडिसीओ धर्मेंद्र कुमार व कंसल्टेंट अभिषेक कुमार ने कालाजार के लक्षण के बारे में कहा कि रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लीवर का आकार बढ़ना, त्वचा सूखी, पतली होना और बाल झड़ना आदि कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है।