सीतामढ़ी : कालाजार की तरह फाइलेरिया से भी मुक्त होगा सीतामढ़ी

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सीतामढ़ी। जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में  स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर समय-समय पर अभियान के तहत अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा दी जाती है। इसी कड़ी में अब जिलेभर में फाइलेरिया क्लिनिक (एमएमडीपी) की शुरुआत की जा रही है। जिले के सभी पीएचसी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और रेफरल अस्पतालों में एक-एक एमएमडीपी क्लिनिक, जबकि प्रखंड स्तर पर दो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में एमएमडीपी क्लिनिक खोलने की कवायद चल रही है। इसकी शुरुआत सोनवर्षा सीएचसी अंतर्गत भुतही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से हो गई है।

इसका उद्घाटन बीते 16 अगस्त को जिलाधिकारी ने किया था। महीने के अंत तक अन्य जगहों पर भी इसकी शुरुआत हो जाएगी। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि इस क्लिनिक से फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों को सहूलियत होगी। जो फाइलेरिया रोगी जिला मुख्यालय तक नहीं आ सकते उनके लिए उनके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार और जरूरी सुविधायें भी मिलेंगी। 

फाइलेरिया पीड़ित मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा

जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि इस क्लिनिक को खोलने का मकसद है कि फाइलेरिया जैसी बीमारी को रोका जा सके। इसके साथ ही फाइलेरिया पीड़ित मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने एवं क्लीनिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने को लेकर इसकी शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि समेकित सहभागिता से कालाजार की तरह फाइलेरिया से भी सीतामढ़ी मुक्त होगा।

सहभागिता से फाइलेरिया मुक्त सीतामढ़ी करेंगे

डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने कहा कि जो फाइलेरिया से पीड़ित हैं, वे एमएमडीपी क्लिनिक में जाकर इसकी देखभाल और उपचार की जानकारी लेकर इसे आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। इस क्लिनिक के माध्यम से फाइलेरिया रोगियों के जीवन को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। क्लिनिक  में रोगियों की रोजमर्रा की दिक्कतों जैसे पैर में इन्फेक्शन हो जाना, सूजन या दर्द होने की जानकारी देने के साथ-साथ प्रैक्टिकली उनके घाव की साफ सफाई, दवाई और नियमित रूप से एक्सरसाइज के बारे में बताया जाएगा।

फाइलेरिया एक घातक बीमारी

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फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। ये साइलेंस रहकर शरीर को खराब करती है। यही कारण है कि इस बीमारी की जानकारी समय पर नहीं हो पाती है। फाइलेरिया एक परजीवी से होनेवाला रोग है जो कृमि जनित मच्छर से फैलता है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे एवं रुके हुए पानी में पनपता है। इस मच्छर के काटने से किसी भी उम्र का व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या आती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों में सूजन) फाइलेरिया के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर फौरन अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचकर इलाज कराना चाहिए।

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