वैशाली : सरकारी अस्पतालों में नियमित टीकाकरण प्रत्येक बच्चे पर परिवार का बचा रही 26 हजार रूपये 

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वैशाली। नियमित टीकाकरण कराने वालों की संख्या में जिले में काफी तेजी देखी जा रही है। यह तेजी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और सरकार की तरफ से चलायी जाने वाली मॉडर्न टीकाकरण केंद्रों पर मिलने वाली सुविधा के कारण आयी है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ उदय नारायण सिन्हा ने बताया कि एक बच्चे के पूर्ण टीकाकरण पर सरकार लगभग 26 हजार रुपए खर्च करती है।  अकेले पेंटावेलेंट   नाम की वैक्सीन साढ़े तीन हजार रूपये में आती है। जो तीन बार बच्चों को दी जाती है। इसके अलावा डायरिया से बचाव के लिए रोटावायरस जैसे वैक्सीन आती है जो ऊँची कीमत पर मिलती है।

इंद्रधनुष 4.0 के बाद टीकाकरण में आयी तेजी

डॉ उदय कुमार सिन्हा ने कहा कि नियमित टीकाकरण की गति कोविड के कारण धीमी हुई थी। क्योंकि अधिकांश मानव बल कोविड टीकाकरण में लगा था। इंद्रधनुष 4.0 के बाद नियमित टीकाकरण में तेजी आयी है। इंद्रधनुष 4.0 के पहले यह प्रतिशत लगभ 76 था। जुलाई में 83 प्रतिशत और अगस्त में यह 86 प्रतिशत हैए जो राज्य के आंकड़े से मात्र दो प्रतिशत पीछे है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण का लक्ष्य कम से कम 90 प्रतिशत हैए जिसे हमलोग कुछ महीने में हासिल कर लेंगे।

वैक्सीन की कोई कमी नहीं

डॉ सिन्हा ने कहा कि नियमित टीकाकरण के लिए वैक्सीन की जिले में कोई कमी नहीं है। हमलोगों ने एक रूट प्लान किया हुआ हैए जिसमें एक दिन में तीन से चार पीएचसी तक अपनी वैक्सीन पहुंचा रहे हैं। तीन दिनों के भीतर सभी पीएचसी तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाती है। पेंटावेलेंट जैसी महंगी वैक्सीन भी जिले में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके अलावा जेई के वैक्सीन में बदलाव हुआ हैए अब जेनवेक वैक्सीन आती है। पहले ड्राई और लिक्वीड दवा को मिला कर इंजेक्शन बनाई जाती थी। जिससे इंजेक्शन का डोज बर्बाद होने का खतरा रहता था।

आज कोविड टीकाकरण  का महाअभियान

डीआइओ ने बताया कि गुरुवार को कोविड टीकाकरण का महाअभियान चलाया जाएगा। लोगों से अपील की कि जिन  लोगों ने कोरोना टीकाकरण की प्रीकॉशन डोज नहीं ली है, वे अपनी तीसरी और महत्वपूर्ण डोज अवश्य ले लें।  गुरूवार के महाअभियान के लिए जिले में 60661 टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अब कोविशिल्ड के विकल्प के रुप में कोर्वीवैक्स मौजूद है जो तीसरी डोज के रूप में 18 प्लस वाले लोगों को दी जा रही है। कहीं भी कोविड टीकाकरण की कोई कमी नहीं है।  टीकाकरण के तीनों डोजों के बिना कोविड से हमारा सुरक्षा चक्र पूरा नहीं होता।

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