स्व. पंडित श्रीनाथ अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व की वजह से हमेशा अमर रहेंगे : अश्विनी चौबे

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बक्सर। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि श्रीनाथ जी ने जीवन भर सभी को कुछ देने का काम किया, कभी कुछ मांगा नहीं। समाज और राष्ट्र की क्षति तो हुई है लेकिन एक बड़े भाई के रूप में मुझे पारिवारिक क्षति हुई है। वे स्वयंसेवक रहते हुए राष्ट्र के लिए समर्पण की बात करते थे और जीवन में उतारने का काम किया था और काम को ही पूजा मानते थे। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे पटना के आईएमए हाल के सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ के संगठन मंत्री रहे पुण्यशलोक पंडित श्रीनाथ मिश्र जी का श्रद्धांजलि समारोह उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। पंडित श्रीनाथ बक्सर संसदीय क्षेत्र के रामगढ़ विधानसभा ग्राम ईसडी, पंचायत खमीदौरा प्रखंड दुर्गावती, जिला कैमूर के निवासी थे।

1974 के आंदोलन के समय पहली बार मुलाकात हुई

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने की। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उनके पुत्र अरविंद मिश्रा, उनके पौत्र अखिलेश मिश्र व अमिताभ मिश्र कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि लोगों को जोड़ने के लिए समरसता का भाव रखते हुए कार्य किया। उनसे 1974 के आंदोलन के समय पहली बार मुलाकात हुई जब मैं मौत और जीवन के साथ पीएमसीएच में संघर्ष कर रहा था तब मुझसे मिलने आए और हौसला बढ़ाया। समाज की पीड़ा को दूर करने के लिए निरंतर अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के लिए काम करते रहे। शिक्षा से जुड़े होने के कारण उन्होंने शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति में मुख्य भूमिका में कार्य करते हुए शिक्षा की बदहाली को दुरुस्त करने में लगे रहे। अपने जीवन काल में उन्होंने सैकड़ों कार्यकर्ताओं का निर्माण किया जो राष्ट्र कार्य में लगे हुए हैं।

सांगठनिक संस्कारों पर आधारित लोक संग्रह यात्रा की शुरुआत

आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक श्री रामनवमी जी ने कहा कि स्मृति शेष पंडित मिश्र राष्ट्रीय भाव को जगाते रहे। संघ संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार और माधव राव सदाशिव गोलवलकर ‘गुरुजी’ जी ने जिन सांगठनिक संस्कारों पर आधारित जिन सांगठनिक संस्कारों पर आधारित लोक संग्रह यात्रा की शुरुआत की थी उसके समर्पित पथिक के रूप में पंडित मिश्र का जीवन था। पद्मश्री विमल जैन ने कहा कि पारिवारिक संबंधों को जीने वाले श्रीनाथ जी देवदुर्लभ कार्यकर्ता की श्रेणी में आते हैं। ऐसे ही कार्यकर्ताओं से संगठन का विकास एवं सुधृढ़ीकरण होता है। आईसीपीआर भारत सरकार निकाय के पूर्व अध्यक्ष डा. रमेशचंद्र सिन्हा ने कहा कि श्रीनाथ मिश्र एक कुशल संगठनकर्ता व आदर्श स्वयंसेवक थे और राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ में उनके साथ काम करने का सौभाग्य मुझे भी मिला था।

श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में

श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री रामनवमी जी, क्षेत्र कार्यवाह श्री मोहन सिंह, पद्मश्री विमल जैन, दीघा विधायक संजीव चौरसिया, अभिजीत कश्यप, पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य जगनारायण यादव, भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे, सुधीर शर्मा, डा. उषा मिश्र, विश्व संवाद केंद्र के संजीव कुमार, डा. आर एस मिश्र, विद्याधर पाठक, रामकिशोर पाठक, मनोज मिश्र आदि शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन चिती के प्रांत संयोजक कृष्णकांत ओझा ने किया।

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