सीतामढ़ी। तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों के खिलाफ जिले में तम्बाकू नियंत्रण कोषांग द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। तंबाकू नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक जिले में तंबाकू सेवन करने वाले 266 लोगों का चालान काटा गया। यह पूरे बिहार में सबसे अधिक है। इस दौरान तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभाव बताने के लिए 1458 लोगों की काउंसलिंग भी की गई। डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि यह दर्शाता है कि जिले में तंबाकू नियंत्रण को लेकर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी एनसीडी टीम की ओर से समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। सितंबर 2020 में जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जा चुका है। एनसीडी की टीम संकल्प के साथ काम कर रही है कि सीतामढ़ी को तंबाकू मुक्त जिला बनाया जाए।
तंबाकू सेवन जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
एनसीडीओ डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। थूकना संक्रमण रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी यथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। तंबाकू चबाने वालों को गंभीर रोग जैसे- कैंसर, फेफड़े की गंभीर बीमारी और मधुमेह से ग्रसित होने की संभावना सबसे अधिक रहती है।
युवाओं में बढ़ रहा तंबाकू सेवन का चलन
डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन कैंसर का कारक है। पान मसाले के साथ तंबाकू मिलाकर सेवन करने और खैनी खाने से मुंह के कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। यह युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट 2017 के अनुसार, बिहार में 25.9 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का सेवन करते थे। वहीं 13 से 15 वर्ष के करीब 14.6 फीसदी बच्चे तंबाकू उत्पादों का सेवन करते थे। यह एक धीमे जहर के रूप में कार्य करता है। अभियान में रंजन मिश्रा, मनोज कुमार, मनोज झा, आरती कुमारी आदि शामिल थे।