डुमरांव. बांके बिहारी मंदिर में इस बार कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धुमधाम से मनाया गया. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षण ढ़ग से सजाया गया था. प्रत्येक साल की तरह शाम के आरती के बाद हरिकिर्तन का आयोजन हुआ, जो भगवान के जन्म के साथ सम्पन्न हुआ. देर रात भगवान के जन्म होते मंदिर परिसर व आस-पास का क्षेत्र बिहारी लाल की जय सहित अन्य जयघोष से गुंज उठा. बता दें कि सावन माह में 15 पंद्रह दिनों तक कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं को मंदिर परिसर में प्रस्तुत किया जाता है, और रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन समापन होता है. इस ऐतिहासिक राजगढ़ स्थित बांके बिहारी मंदिर स्थित भगवान कृष्ण की कई रूपों में सजी झांकियों को देख लोग भाव-विभोर हो उठते है.
झांकी की परंपरा सैकड़ों वर्ष पहले शुरू
राजघराने द्वारा स्थापित इस मंदिर में झांकी की परंपरा सैकड़ों वर्ष पहले शुरू किया गया था. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन निकलने वाली झांकी को देखने के लिए दूर-दराज रिशदार सहित आस-पास के गांव के लोग मंदिर में पहुंचते है. राज परिवार के इस अनोखी परपंरा के निर्वाहन को लेकर राजपुरोहित भी उत्साहित रहते है. झांकी की तैयारी एक माह पहले शुरू हो जाती है. मंदिर की अनोखी छटा बांके बिहारी मंदिर की नींव सौ वर्ष पूर्व में महाराजा केशव प्रसाद सिंह ने डाली थी. मंदिर परिसर के चारों ओर रंग-बिंरगे फूलों से सजी क्यारियां खुशबु बिखेरती है. इसके अलावे पानी के फुहारे और भी आकर्षण दिखते है. चारों बगल पेड़ पौधों के बीच अन्य मंदिर की स्थापना से यह मंदिर परिसर भक्तिमय से भरा रहता है. इस कृष्ण जन्माष्टमी में चंद्रविजय सिंह, कुमार षिवांग विजय सिंह सहित राज परिवार के अन्य लोग भी शामिल हुए. भगवान का जैसे ही जन्म हुआ, महाआरती में मौजूद लोग श्रद्धामन से शामिल होकर प्रसाद घर ले जाने सहित ग्रहण किया.
भगवान के जन्म तक मंगल गीत चलता रहा
जन्माष्टमी को लेकर फुलचंद कानू पथ जवाहिर मंदिर, गोला रोड राम जानकी मंदिर, छठिया पोखरा राजेश्वर मंदिर और काकी जी मंदिर, ठठेरी बाजार राम जानकी मंदिर को मंदिर प्रबंधन व स्थानीय लोगों ने अपने-अपने तरीके से आकर्षण ढ़ग से सजाया था. बांके बिहारी मंदिर में भगवान के जन्म होने तक महिलाओं के मंगल गीत चलता रहा. सोशल मिडिया पर जन्माष्टमी को लेकर बच्चों को बाल कृष्ण बनाकर फोटो शेयर कर एक-दूसरे को बधाई लोगों ने दी. अहले सुबह से जन्माष्टमी को लेकर देर शाम तक खरीदारी को लेकर भीड़ रहीं. हालाकि दोपहर बाद मूसलाधार बारिष हुई. उसके बाद दिन अच्छा हो गया. लेकिन आसमान में बादल हमेषा रहा. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर राजगढ़ स्थित मंदिर परिसर में लोगों की भीड़ रहीं. राजगढ़ चौक पर मेलामय नजार देखने को मिला.