पटना : स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षित कर बढ़ाई जाएगी नेतृत्व क्षमता और सेवा भावना

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पटना | राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय स्टेट लेवल कंसल्टेशन कम विजनिंग वर्कशॉप का समापन गुरुवार को होटल चाणक्या पटना में हुआ। इस कार्यशाला में राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह, अपर कार्यपालक निदेशक, प्रशासी पदाधिकारी, उप सचिव -सह-प्रभारी, मानव संसाधन, एनएचएसआरसी, नई दिल्ली के एडवाइजर, एचआरएच मोना गुप्ता, बीएमएचएफ के निदेशक डॉ. रजनी वेद, आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर डॉ. राजेश चान्दवानी, आईआईएम बोधगया के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लेक्युद्दीन की उपस्थिति में आईआईएम, बोधगया से प्रशिक्षित राज्य स्तर से लेकर प्रखण्ड स्तर तक के नामित कर्मियों यथा-सिविल सर्जन, उपाधीक्षक, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी चिकित्सा पदाधिकारी राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक आदि के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे डेवलपमेंट पार्टनर्स यथा-पीरामल फाउंडेशन, केयर इंडिया, बीएमजीई, पाथ एवं डब्ल्यूएचओ के निदेशक या उनके प्रतिनिधि ने भाग लिया।

विदित हो कि राज्य के स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में सेवा की गुणोत्तर सुधार एवं स्वास्थ्य पदाधिकारी / कर्मियों में नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने एवं उनके व्यवहार में सेवा भाव की भावना जागृत करने के उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षित किये जाने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के साथ आईआईएम बोधगया एवं आईआईएम अहमदाबाद के बीच एमओयू हस्ताक्षर किया गया है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य प्रणाली को सतही स्तर तक समीक्षा किये जाने के पश्चात स्वास्थ्य कर्मियों को किस तरह की प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी, को ध्यान में रखते हुए एक रोडमैप तैयार करना है। रोडमैप तैयार किये जाने के पश्चात सरकारी स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में कार्यरत पदाधिकारी / कर्मियों के नेतृत्व क्षमता को उत्तरोत्तर वृद्धि करने एवं राज्य स्तर से लेकर स्वास्थ्य उपकेन्द्रों स्तर तक कार्यक्रम प्रबंधन एवं सर्विस डिलेभरी से संबंधित कर्मियों को सेवा भाव जागृत करने एवं रोगियों के साथ भावनात्मक भाव के साथ कार्य के प्रति रूचि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जायेगा। आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बोधगया एवं पिरामल फाउंडेशन से प्रशिक्षणोपरांत स्वास्थ्य पदाधिकारी, कर्मियों में नेतृत्व क्षमता एवं सेवा भाव की भावना भविष्य में परिलक्षित होगी। इसी तरह के प्रशिक्षण, कार्यशाला का आयोजन राज्य स्तर से लेकर प्रखण्ड स्तर तक कराया जाएगा। फलस्वरूप सरकारी अस्पतालों में आने वाले रोगियों को सहज, सुगमतापूर्वक एवं व्यवहारपूर्ण चिकित्सीय सुविधा का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

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