मोतिहारी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के कस्तूरबा बालिका विद्यालय सहित पीपरा कोठी, मेहसी, बंजरिया, ढाका, आदापुर समेत कई प्रखंडों के सैकड़ों बच्चों की स्वास्थ्य की जाँच की जा रही है। आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि स्कूली बच्चों की स्क्रीनिग शुरू कर दी गई है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में टीम स्कूलों का भ्रमण कर छात्र-छात्राओं के सेहत की जांच कर रही है। वहीँ अस्वस्थ बच्चों को इलाज और परामर्श के लिए संबंधित सीएचसी व पीएचसी से सम्पर्क करने को कहा जा रहा है।
डॉ मनीष कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच व कुपोषण से बचाव के उपाय चिकित्सकों द्वारा बताए जाते हैं। बच्चों में कई प्रकार की बीमारियां देखने को मिलती है जिसके इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल मोतिहारी रेफर किया जाता है। वहीँ गम्भीर मामलों में उन्हें पटना रेफर किया जाता है।
41 तरह की बीमारियों का इलाज होता है नि:शुल्क
जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि बच्चों की गंभीर बीमारी के मामले में आरबीएसके की अहम भूमिका है। सिविल सर्जन ने कहा कि आरबीएसके के सहयोग से सरकार द्वारा निर्धारित 41 तरह की बीमारियों का इलाज होता है। जो बिल्कुल ही नि:शुल्क है।
चंद्रहियाँ में 60 से अधिक छात्राओं की हुईं स्वास्थ्य जाँच
इसी क्रम में आज गुरुवार को मोतिहारी सदर प्रखंड के चंद्रहियाँ में आरबीएसके टीम की ओर से डॉ खालिद अख्तर, डॉ शिल्पी श्रीवास्तव द्वारा कैम्प लगाकर कस्तूरबा बालिका विद्यालय के छात्राओं की स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। कुछ आवश्यक दवाएं वितरित की गई, ताकि बच्चों को कुपोषण के प्रभाव से बचाया जा सके। जीवधारा के डॉ राशिद मन्नान ने बताया कि आरबीएसके टीम द्वारा समय समय पर बच्चों की जांच की जाती है ताकि गम्भीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत मुफ्त इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हो सके।