डुमरांव : सुखाड़ की परिस्थिति में वैकल्पिक योजना बनाने के लिए किसानों को वैज्ञानिकों ने किया प्रेरित

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डुमरांव. वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय द्वारा चयनित आदर्श ग्राम दक्षिण टोला में चौपाल का आयोजन किया किया गया. इस कार्यक्रम में डा. आनंद कुमार जैन ने उपस्थित किसान भाइयों को इस सुखाड़ की परिस्थिति में वैकल्पिक योजना बनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहां की जिन खेतों में रोपनी पानी की कमी के कारण नहीं हो सकी. उन खेतों में वैकल्पिक योजना बनाकर सितंबर माह में बोई जाने वाली अरहर एवं तोरिया की खेती कर सकते हैं. जिसमें अरहर के उन्नत प्रभेद पूसा 9, शरद सितंबर माह में बोई जाने वाली अरहर की खेती के लिए बीज दर 6 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई कर सकते हैं तथा तोरिया की प्रजाति भवानी, पंचाली तथा पीटी 303 किसान भाई खेतों में अगले माह सितंबर में बुवाई कर सकते हैं. इसके लिए 2 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है और यह फसल 80 से 85 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. तोरिया फसल के बाद चना तथा गेहूं की फसल लगा सकते.

मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए डा. जैन ने किसानों को सलाह दी कि पर्णीय छिड़काव के द्वारा यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं. इस तरह का छिड़काव करने से उर्वरकों की उपयोग क्षमता बढ़ेगी तथा उत्पादन भी ज्यादा होगा. कार्यक्रम में मृदा विभाग के डॉक्टर अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को आवश्यकतानुसार पोटाश का प्रयोग खेतों में करना चाहिए पोटाश के प्रयोग से फसल में प्रतिरोधी क्षमता तथा सूखा सहन करने की क्षमता बढ़ती है साथ ही साथ जब फसल पक कर तैयार होती है दानों की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है. इस चौपाल कार्यक्रम में राजू कुमार, राजेंद्र प्रसाद, रामधनी राय, भगवती राय तथा अंशु राय लगभग 20 किसान उपस्थित थे.

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