सीतामढ़ी। जिला यक्ष्मा केंद्र सीतामढ़ी में यक्ष्मा कार्यक्रम एवं एनपीवाई डीबीटी से संबंधित समीक्षा बैठक की गई। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पटना से आए डीवीटी एक्सपर्ट दीपक कुमार एवं फाइनेंस एक्सपर्ट उमेश शाह ने मरीजों के एनपीवाई डीबीटी से संबंधित जानकारी दी। दीपक कुमार ने बताया कि यक्ष्मा मरीजों का एनपीवाई डीबीटी का कार्य प्रारंभ हो चुका है एवं अकाउंट का मैपिंग किया जा चुका है। अतः सभी डीबीटी मेकर एवं यक्ष्मा पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए एक माह के अंदर लंबित सभी डीबीटी एनपीवाई का भुगतान किया जाए। बैठक के बाद एसटीएसयू टीम ने सीएचसी बैरगनिया का भी भ्रमण किया एवं निजी चिकित्सकों से मिलकर टीवी नोटिफिकेशन हेतु अपील की। इस अवसर पर लेखापाल रंजन शरण, डीपीसी रंजय कुमार सहित सभी वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
टीबी मरीजों को प्रतिमाह 500 की आर्थिक सहायता
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि सरकार हर मरीज का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के साथ मरीजों का उचित पोषण उपलब्ध करवा रही है। पोषण के अभाव में इस बीमारी का उन्मूलन बहुत कारगर नहीं होगा। इसी कारण सरकार टीबी के सभी मरीजों को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह की मदद दे रही है। टीबी के मरीजों को पोषण राशि भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत हर टीबी मरीज को भेदभाव किए बिना प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। यह राशि सीधे मरीज के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर की जा रही है। जैसे ही किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें एक टीबी मरीज के रूप में रजिस्टर कर लिया जाता है।
टीबी के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत
डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसे जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीबी को मात देना मुश्किल नहीं है। बस नियम से दवाएं लेते रहने की जरूरत है। जिले में टीबी की विश्वसनीय जांच व सम्पूर्ण इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए जैसे ही आपको टीबी के लक्षण दिखे, न घबराएं व लजाएं। सीधे निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएं और डॉक्टर से सलाह व मुफ्त में दवा लेकर इसका सेवन शुरू कर दें। अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें से कोई लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें।