बक्सर, 17 अगस्त | जिले में वेक्टर जनित रोगों को लेकर लोगों को अब जागरूक करने की तैयारी की जा रही है। ताकि, जिलेवासियों में वेक्टर जनित रोगों के लक्षणों, बचाव और उसके इलाज से संबंधित संपूर्ण जानकारी हो। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति की पहल पर सबसे पहले उन इलाकों के लोगों को जागरूक किया जाएगा, जहां पर कालाजार का प्रभाव है। इसके लिए जिले के कालाजार प्रभावित इलाकों के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनका चयन किया जा चुका है।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उक्त स्वास्थ्य कर्मी लोगों के बीच जाकर सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलानी है। इस क्रम में पीसीआई संबंधित इलाकों के बीसीएम, वीबीडीएस, बीएचआई व सीएचओ को प्रशिक्षण देने का काम करेगी। जिसके बाद पीसीआई के कर्मी व संबंधित इलाके के स्वास्थ्य कर्मी चिह्नित गांव व पंचायत में जाकर लोगों को जागरूक करने के काम करेंगे।
चयनित स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा चुकी है सूचना
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, प्रशिक्षण के लिए सदर प्रखंड से बीसीएम, बीएचआई, दो वीबीडीएस और चार सीएचओ, नावानगर से बीसीएम, वीबीडीएस और एक सीएचओ, सीमरी प्रखंड से बीसीएम, वीबीडीएस के साथ चार सीएचओ तथा चक्की प्रखंड से बीसीएम और वीबीडीएस का चयन कर उन्हें सूचित किया जा चुका है। इनके अलावा बक्सर के केबीसी अतुल कुमार सिंह व अविनाश पलान भी प्रशिक्षण में शामिल होंगे। सभी को प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए निर्देशित किया जा चुका है।
हालांकि, प्रशिक्षण की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने पीसीआई को दी है। जो जिले में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम में बाधाएं, इन बीमारियों से प्रभावित इलाकों में लोगों के बीच भ्रम, उदासीनता, परेशानियां व उनके समाधान पर बल दिया जाएगा। जिससे लोगों में इन बीमारियों से बचाव की जानकारी बढ़ सके।
वेक्टर जनित रोगों के संबंध में लोगों को जानना जरूरी
डॉ. कुमार ने बताया कि लोगों को सबसे पहले वेक्टर जनित रोगों के संबंध व उनके उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी होनी चाहिए। वेक्टर जनित रोग उन्हें कहते हैं, जो मच्छर या मक्खियों के द्वारा किसी गंभीर बीमारी से संक्रमित व्यक्ति से रोगाणु और विषाणु स्वास्थ्य व्यक्ति में काटने के कारण होती है। इनमें कालाजार, डेंगू बुखार, जापानी एन्सेफलाइटिस, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और चित्तीदार बुखार (स्पॉटेड फीवर) शामिल हैं। कालाजार बालू मक्खी के काटने से फैलता है।
वहीं, डेंगू बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस, मलेरिया और ज़ीका वायरस को फैलाने के लिए मच्छर जिम्मेदार होते हैं। जबकि स्क्रब टाइफस और चित्तीदार बुखार घुन और किलनियों द्वारा फैलते हैं। इन बीमारियों की पहचान जरूरी है। समय पर इलाज के अभाव में रोग से ग्रसित व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए लोगों को इन बीमारियों के लक्षणों की पहचान जरूरी है।