शिवहर। रक्षाबंधन को लेकर बहनों का उत्साह चरम पर है। भाई भी राखी बंधवाने को बेताब हैं। लेकिन इन सब से अलग जिला में इस बार रक्षा बंधन के त्योहार का नया कलेवर देखने को मिला। सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चों ने एक-दूसरे को राखी बांधी। पोषण पुनर्वास की एफडी चित्रा मिश्रा ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से एक तरफ बच्चों में रचनात्मकता का विकास होता है। वहीं दूसरी तरफ इनके मनोबल में भी वृद्धि होती है। रक्षाबंधन भाई-बहन का महत्वपूर्ण त्यौहार है, लेकिन यहां पर बच्चे बीमार (कुपोषित) हैं। पर्व पर एक-दूसरे की उदासी दूर करने के लिए बहनों ने राखी बांधी।
बच्चों को खिलाई गई मिठाई
इस मौके पर पोषण पुनर्वास केंद्र में खूब पकवान बनाए गए। वहां सुबह से ही तैयारियां शुरू हो गई थीं। थाली में राखी, चंदन, मिठाई और आरती सजाई गई थी। इसके बाद बच्चों ने भाई की कलाई पर रक्षाबंधन बांधा। चंदन का टीका लगाकर उनकी आरती उतारी और मिठाई खिलायी। इसके बाद बच्चों की मां को भी स्वादिष्ट भोजन कराया गया। इस अवसर पर नर्सिंग स्टाफ सरोजिनी यादव, शिवम आदि उपस्थित थीं।
कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी
जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा बच्चों के उपचार के साथ उन्हें अक्षर ज्ञान का भी बोध कराया जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र पर कुपोषित बच्चों एवं उनकी माताओं को आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है। जहां उसके पौष्टिक आहार की व्यवस्था है। यहां कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं को 21 दिन तक रखने का प्रावधान है। जिनका भी बच्चा कुपोषण की समस्या से पीड़ित है, वह स्थानीय आंगनबाड़ी सेविकाओं व आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क कर अपने बच्चे को एनआरसी में भर्ती करा सकते हैं।