
– अप्रैल से जुलाई के बीच 3.29 प्रतिशत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की हुई पहचान
बेतिया। गर्भावस्था के दौरान जच्चा-बच्चा को स्वस्थ और सुरक्षित करने में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इस उपलक्ष्य में पूरे जिले में बुधवार को स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मनाया गया। इस अभियान के तहत गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व की जांच की जाती है, जिसमें उनके रक्तचाप, शुगर, हीमोग्लोबिन सहित अन्य तरह के स्वास्थ्य की जांच की गयी। योगापट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर डॉ शाहिद इकबाल और डॉ तमन्ना ने बताया कि योगापट्टी सीएचसी में दोपहर एक बजे तक 70 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी। इनमें छह महिलाएं हाई रिस्क प्रेग्नेंट महिला के रूप में चिन्हित हुई हैं।
6284 गर्भवती महिलाओं ने उठाया लाभ-
केयर इंडिया के डीटीओ ऑन विजय कुमार पांडेय ने बताया कि अप्रैल 2022 से लेकर जुलाई 2022 तक जिले में 6 हजार 284 गर्भवती महिलाओं ने इस अभियान के तहत चेकअप करवाया। जिनमें से मात्र 3.29 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी, शुगर, एचआईवी संक्रमण और अन्य कारणों से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के केस मिले हैं। इसके अलावे इस दौरान कुल 207 गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया।
गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी-
डीपीएस सलीम जावेद ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। इसे एएनसी यानी एंटी नेटल केयर भी कहते हैं। मां और बच्चे कितने स्वस्थ हैं, इसका पता लगाने के लिए जांच जरूरी है। इससे गर्भावस्था के समय होने वाले जोखिमों की पहचान, अन्य रोगों की पहचान व उपचार आसान हो जाती है। जांच के जरिये हाई रिस्क प्रेग्नेंसी यानी, एचआरपी को चिह्नित करते हुए उसकी उचित देखभाल की जाती है।
महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर हुई हैं सजग-
मेडिकल ऑफिसर डॉ तमन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के बाद जरूरी चिकित्सा परामर्श भी दी जाती है। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खानपान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां सहित कई अन्य चिकित्सकीय परामर्श शामिल हैं। ताकि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिल सके। एएनसी जांच से प्रसव संबंधी जटिलताओं का पहले ही पता चल जाता है। उन्होंने बताया कि जिले में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है कि समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।