मोतिहारी। बरसात के मौसम में वेक्टर जनित रोगों जैसे- डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया, कालाजार आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है। इससे बचाव के लिए सावधानी आवश्यक है। उपरोक्त बातें पूर्वी चम्पारण के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने बताई।
मच्छरों के काटने से खुद को बचाना जरूरी
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि वेक्टर जनित रोगों से बचाव को अपने घरों के आसपास कीटनाशक के छिड़काव के साथ ही सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बारिश का मौसम मच्छड़ के प्रजनन में वृद्धि का मौसम होता है। इसलिए इस मौसम मे मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे में मच्छरों के काटने से खुद को बचाना जरूरी होता है अन्यथा मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोग के होने की संभावना हो जाती है।
टूटे-फूटे बर्तन, टायर, कूलर में पानी जमा नहीं होने दें
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं तथा दिन में ही काटते हैं। इससे बचाव के लिए घर के आस-पास टूटे-फूटे बर्तन, टायर या ड्रम इत्यादि नहीं रखना चाहिए, जिसमें बारिश का पानी जमा हो जाए। कूलर या रेफ्रिजरेटर का पानी प्रतिदिन बदलना चाहिए। फूलों के गमलों में भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। घर के आस-पास सफाई रखनी चाहिए।
स्वास्थ्य केंद्रों पर है इलाज की सुविधा
डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि सदर अस्पताल सहित कई स्वास्थ्य केंद्रों पर वेक्टर जनित रोगों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। बुखार होने या किसी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेनी चाहिए।