डुमरांव. बिहार पृथ्वी दिवस पर मंगलवार को मध्य विद्यालय पुराना भोजपुर परिसर में शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पौधारोपण करने के बाद एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें वृक्षों की सुरक्षा एवं प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के दौरान अनीता यादव ने कहां की प्लास्टिक नदी, तालाब के माध्यम से पानी में जाते हैं, और जलीय जीव जंतु उसे खाकर मर जाते हैं। साथी हमारा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है, मिट्टी दूषित होती है। अतः हमें कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए। कार्यक्रम के दौरान अनीता यादव ने कहां की प्लास्टिक नदी, तालाब के माध्यम से पानी में जाते हैं, और जलीय जीव जंतु उसे खाकर मर जाते हैं। साथी हमारा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है, मिट्टी दूषित होती है। अतः हमें कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए।
अपनी धारा को स्वच्छ एवं निर्मल रखें
डा. मनीष कुमार शशि ने कहां कि सरकार अपने स्तर से बहुत सी सरकारी योजनाओं को चला रही है। ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहें एवं हमारा जीवन निरोगी रह सकते। अतः हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम सब भी अपनी धारा को स्वच्छ एवं निर्मल रखें। ताकि कोरोना जैसी महामारी पृथ्वी पर ना चल सके। डा. पम्मी कुमारी ने कहां कि सरकार द्वारा वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी योजनाएं संचालित हैं। हमें उन योजनाओं का लाभ उठाते हुए लोगों को प्रेरित करना चाहिए। अधिक से अधिक वृक्षों का संरक्षण एवं रोपण करना चाहिए। पौधे ही हमारे जीवन को सफल बना पाते हैं
ताकि ऑक्सीजन की मात्रा पर्याप्त रूप से रह सके
सामाजिक कार्यकर्ता विजय लाल शर्मा ने कहां की अगर वृक्ष नहीं होंगे तो हमारी धरा को स्वच्छ और सुंदर बनाना संभव नहीं होगा। पौधे ही हमारे जीवन को सफल बना पाते हैं। हमें कोशिश करना चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं एवं लोगों को भी प्रेरित करें। जब आप एक वृक्ष के नीचे बैठते हैं तो जो सुकून और मीठी छांव आपको मिलती है। उस आत्मीय संतोष की कल्पना आप ऐसी से नहीं कर सकते। पता स्वयं को बचाने के लिए पृथ्वी को बचाना जरूरी है।
कार्यक्रम में यह रहें उपस्थित
कार्यक्रम में सुरेंद्र मेहरा, अंजनी कुमारी, रितु कुमारी, नसीम, दुर्गा, मीना विश्वकर्मा, काशीराम जैसे अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। अंत में इस नारे के साथ की “पेड़ लगाओ ऑक्सीजन सिलेंडर हटाओ” के नारे के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गई।