सीतामढ़ी। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के निर्देश पर एक महीने तक जिले भर में मेगा ईएमटीसीटी (एलिमिनेशन ऑफ मदर टू चाइल्ड ट्रांसमिशन) हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। इसमें गर्भवती महिलाओं के साथ अन्य लोगों की नि:शुल्क जांच की गई। जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि मेगा ईएमटीसीटी हेल्थ कैम्प में जांच कराने को लेकर बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिलाएं पहुंची। उन्होंने बताया कि जिले भर में 119 कैम्प लगाए गए, जिसमें 19 हजार से अधिक लोगों की एचआईवी जांच की गई।
इसमें से केवल पांच लोगों की एचआईवी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉ. कुमार ने बताया कि कैम्प में जांच के साथ लोगों को एड्स के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक भी किया गया। लोगों को एड्स से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतने की भी सलाह दी गई। कैंप में गर्भवती महिलाओं, उनके पति, यौन संक्रमित रोगी, यक्ष्मा (टीबी) एवं कालाजार के रोगियों की एचआईवी जांच की गई।
बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव
डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि मदर टू चाइल्ड ट्रांसमिशन के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए सभी महिलाओं की एचआईवी जांच अति आवश्यक है। ताकि ससमय इलाज हो सके। इससे शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में मदद मिलेगी। इसी उद्देश्य के तहत जिले भर में ईएमटीसीटी मेगा हेल्थ कैम्प लगाया गया। उन्होंने कहा कि जिला को एचआईवी मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है।
प्रसव के दौरान मां से बच्चे में फैल सकता है एचआईवी
डॉ. मनोज कुमार ने एचआईवी एड्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने एड्स से बचाव एवं उसके लक्षण के बारे में कहा कि एचआईवी संक्रमण के कारण होने वाला बीमारी है। यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित व्यक्ति के रक्त के माध्यम से या गर्भावस्था या प्रसव के दौरान मां से बच्चे में फैल सकता है। असुरक्षित यौन संबंध के कारण भी इस संक्रमण के मामले अधिक देखने को मिलते हैं।