शिवहर। जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाना है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भरपूर प्रयास कर रहा है। टीबी मरीजों को चिह्नित करने और उनका इलाज करने का काम लगातार चल रहा है। जिले में अभी 438 मरीजों का ख्याल रखा जा रहा है। उनकी निगरानी करते हुए उचित इलाज किया जा रहा है। जिला यक्ष्मा केंद्र के डीपीएस सुधांशु शेखर रौशन ने बताया कि कोविड के बाद टीबी मरीजों की संख्या में कुछ वृद्धि हुई है, लेकिन जिले में टीबी मरीज तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में टीबी को लेकर अभियान काफी तेजी से चल रहा है। प्रखंड स्तर पर तो मरीजों का ध्यान रखा ही जा रहा है। साथ ही जिला स्तर से भी मरीजों की निगरानी हो रही है। यहां से पर्यवेक्षक लगातार मरीजों का हालचाल पूछते रहते हैं। कोई भी मरीज बीच में दवा नहीं छोड़ दे, इसे लेकर गाइड भी करते हैं।
जिले में जांच और इलाज की निःशुल्क सुविधा
डीपीएस सुधांशु शेखर रौशन ने बताया कि जिला अस्पताल से प्रखंड स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। दवा भी मुफ्त दी जाती है। स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच माइक्रोस्कोप एवं टूनेट सीबीनेट मशीन द्वारा निःशुल्क किया जाता है। मरीजों की जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर पूरा इलाज उनके घर पर ही डॉट प्रोवाइडर के माध्यम से निःशुल्क किया जाता है। नए रोगी चिन्हित होने पर उनके पारिवारिक सदस्यों को भी टीवी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट दिया जाता है, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों में यह बीमारी नहीं फैले।
लक्षण दिखे तो जांच कराएं
जिले में टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। डीपीएस सुधांशु शेखर रौशन ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसे जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है। उन्होंने टीबी मरीजों से अपील की कि वह अपना इलाज बीच में ना छोड़ें। कोई भी हमारे परिवार में या आस-पास में टीबी संभावित व्यक्ति दिखाई देता है या ऐसा लगता है कि उसको टीबी हो सकती है, तो उसकी जांच अपने किसी भी आसपास के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर करानी चाहिए।