
– चकिया, मधुबन, ढ़ाका, घोड़ासहन सहित कई जगह सेविकाओं ने स्तनपान का महत्व बताया
मोतिहारी। जिले के चकिया, मधुबन, ढ़ाका, घोड़ासहन सहित कई प्रखंडों की सेविकाओं एवं सीडीपीओ ने गलियों मुहल्लों में घूमकर, रैली व बैठक के माध्यम से महिलाओं को स्तनपान का महत्व बताया। इस दौरान प्रखंड समन्वयक चकिया द्वारा केंद्र संख्या 14 ग्राम पंचायत राज चकबरा में स्तनपान संबंधी बैठक कर परिचर्चा की गई।
आईसीडीएस के डीपीएम द्वारा लिया जा रहा है कार्यों का जायजा-
आईसीडीएस के डीपीएम शशिकांत पासवान द्वारा स्तनपान सप्ताह के मौके पर प्रखंडों में घूमकर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है, साथ ही सीडीपीओ व आंगनबाड़ी केंद्र संचालिकाओं को निर्देशित भी किया जा रहा है। आईसीडीएस के डीपीओ शशिकांत पासवान ने बताया कि स्तनपान सप्ताह पर चौपाल व बैठक का आयोजन कर महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। बाल विकास परियोजना मेहसी की सेविकाओं द्वारा आज स्तनपान संबंधी दीवाल लेखन, चौपाल के साथ अन्य कार्यक्रमों के द्वारा जन जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि नवजात व छोटे शिशुओं के लिए माता द्वारा स्तनपान अमृत के समान है। स्तनपान कराए जाने से शिशुओं में बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता, वहीँ डायरिया, दस्त जैसे कई प्रकार की बीमारियों के खतरों से बचाव होता है।
दो वर्षों तक जरूरी है स्तनपान-
सीडीपीओ तेज कुमारी, पूनम कुमारी, रेखा कुमारी एवं अमृता कुमारी जिला समन्वयक ने बताया कि शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तक तो सिर्फ माँ का दूध ही सेवन कराना जरूरी है ही, इसके बाद भी कम से कम दो वर्षों तक ऊपरी पूरक आहार के साथ स्तनपान भी जरूरी है। तभी शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास होगा और स्वस्थ शरीर का निर्माण होगा।
इन बातों का रखें ख्याल:
– जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान कराना शुरू करें।
– शिशु को 06 माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं।
– 06 माह के बाद पौष्टिक रूप से पर्याप्त और सुरक्षित संपूरक आहार दें।
– कम से कम 02 साल तक स्तनपान जारी रखें।
– सिजेरियन प्रसव होने पर भी शिशु को एक घंटे के अंदर स्तनपान कराएं।