बक्सर : नीम महोत्सव लखनउ में उषा मिश्रा होगी सम्मानित, स्थानीय शिक्षक-शिक्षिकाओं ने दी बधाई

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बक्सर : राजपुर प्रखंड अंतर्गत कन्या मध्य विद्यालय भगवानपुर में पदस्थापित शिक्षिका सह प्रारंभिक शिक्षक कल्याण संघ, बक्सर के जिला सचिव उषा मिश्रा को 6 अगस्त को ग्लोबल नीम आर्गनाइजेशन लखनउ के द्वारा आयोजित विश्व नीम महोत्सव में सम्मान समारोह के लिए चयन किया गया. बता दें कि इससे नेपाल  में आयोजित इंटरनेशनल इन्वायरमेंट वारियर आवार्ड 2021 प्राप्त कर चुकी है. पीपल, नीम और तुलसी अभियान शिवमनि वेलफेयर एजुकेशनल सोसायटी गौरेया संरक्षण अभियान के तहत प्रोत्साहन पत्र प्राप्त कर चुकी है. जानकारी के अनुसार आशषा पर्यावरण संरक्षक के राज्य संयोजक सह शिक्षक विपिन कुमार का भी चयन हुआ.. 

नेपाल में शिक्षिका हो चुकी है सम्मानित 

दो दिवसिय मंथन शिविर में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बकस्वाहा और नैनागिरी, 25-26 सितंबर 2021 में जंगल बचाओ अभियान के तहत प्रमाण पत्र मिला है. राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान, भारत और जन कल्याण भूमि मुक्ति फाउंडेशन के संयुक्त मार्ग दर्शन में किए गए कार्यो तथा दिनांक 15 मई 2022 को दिल्ली में जंतर-मंतर पर जैव विविधता एवं प्राकृतिक संपदा संरक्षण को लेकर प्रशंसा प्रमाण पत्र कार्यकम के दौरान प्राप्त कर चुकी है. शिक्षिका उषा मिश्रा ने बताया कि तुलसी, नीम तथा पीपल का औषधि के रूप में आज भी प्रयोग होता है. 

पीपल, नीम, तुलसी देता है आक्सीजन 

पीपल और बरगद का पर्यावरण की दृष्टि से महत्व है, जबकि अन्य पेड़ आहार के रुप में इस्तेमाल होते हैं.  पीपल 100 फीसद, तुलसी 95 फीसद, बरगद 80 फीसद और नीम 75 फीसद आक्सीजन देता है. पीपल का प्राचीन समय से भारतीय महाद्वीप में आध्यत्मिक महत्व रहा है. आपको बता दें कि उषा का मतलब भोर होता है. भोर मतलब होने के कारण उषा नाम बहुत सुंदर बन जाता है. उषा मिश्रा का स्कूल व कालेज के समय से पर्यावरण को लेकर काफी लगाव रहा. ससुराल राजपुर प्रखंड अंतर्गत गजरही देवढ़ियां और मायके रोहतास जिला अंतर्गत वीरनगर है.

पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है लक्ष्य 

आज भी स्कूल में पर्यावरण को लेकर बच्चों को बताए जाने पर कई सहयोगी शिक्षक कहते है यह क्या बच्चों का समय बर्बाद कर रहीं मैडम. इसके लिए प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित करते है. लेकिन इससे कोई हमें फर्क नहीं पड़ता है. हमें लोगों को पीपल, नीम और तुलसी और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है, यह लक्ष्य है. पीपल, नीम व तुलसी के फाउंडर डा. धर्मेंद्र कुमार पटना के साथ मिलकर कार्य को अंजाम देती है. गृहस्थ जीवन में आने के बाद इसके प्रति भटकाव हुआ, लेकिन जैसे बच्चें बड़े हुए और समय मिलने लगा, इसके प्रति पुनः जुड़ गया.

शिक्षक-शिक्षिकाओं ने दी बधाई 

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उषा मिश्रा ने बताया कि बक्सर जिला मुख्यालय में नीम, तुलसी और पीपल जागरूकता अभियान चलाएंगी. ताकि आने वाली पीढ़ी पर्यावरण को संरक्षित करें व इसके प्रति जागरूक हो. उन्होने आगे बताया कि कोरोना काल में आक्सीजन खरीदना पड़ रहा था, लेकिन नीम, पीपल और तुलसी बेहतर आक्सीजन देते है. इस लिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होना चाहिए. बधाई देने वालों में डा. मनीष कुमार शशि, मीरा सिंह मीरा, पम्मी राय, अनीता यादव, मधु शर्मा, उपेंद्र पाठक, धनंजय मिश्रा, सोनू वर्मा, सावित्री, संतोष, मनोज सिंह, शैलेश, रवि राय, कल्पना श्रीवास्तव आदि शामिल हैं. 

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