मुजफ्फरपुर : डेंगू के एनएस 1 किट टेस्ट पॉजिटिव आने पर परेशान होने की जरूरत नहीं

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– माइक्रोबायोलॉजिकल जांच से ही होती है डेंगू की पुष्टि

– पूरे जुलाई में मनाया गया एंटी डेंगू माह, स्कूलों तक में फैलाई गई जागरूकता

मुजफ्फरपुर। जिले में पूरे जुलाई माह को एंटी डेंगू माह के रूप में मनाया गया। माह की सफलता के लिए पूरे जिले के स्कूलों सहित अन्य जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम किए गए। जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि पूरे जुलाई माह को विभाग ने डेंगू के लिए सतर्कता सहित जागरूक करने के लिए कुछ खास कदम उठाए थे। ब्लॉक लेबल सुपरवाइजर के माध्यम से प्रत्येक ब्लॉक के दो स्कूलों में छात्र-छात्राओं के बीच डेंगू को लेकर बातचीत की गयी। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को पोस्टर और पंपलेट का भी वितरण किया गया।

जिले में एक भी डेंगू के मरीज नहीं-

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डॉ सतीश ने कहा कि जिले में एक भी डेंगू के मरीज नहीं हैं। जनवरी में ही एक सस्पेक्टेड मरीज आया था। जिसका माइक्रोबायोलॉजिकल रिपोर्ट नेगेटिव आया था। डेंगू की जांच के बीच लोगों में बहुत सारी भ्रांतियां हैं। सबसे पहली भ्रांति इसके टेस्ट को लेकर है, लोग कहीं भी जाकर सिर्फ एनएस 1 टेस्ट के आधार पर अपने आप को डेंगू का मरीज मान लेते हैं। जबकि ऐसे मरीजों को सस्पेक्टेड मरीज की श्रेणी में रखा जाता है। जब तक उस सस्पेक्टेड मरीज का माइक्रोबॉयलोजिकल टेस्ट पॉजिटिव नहीं आ जाता तब तक वह डेंगू का मरीज नहीं माना जाएगा। अगर कोई डेंगू से पीड़ित हो भी जाता है तो जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इसके उचित उपचार की व्यवस्था है।

श्रावणी मेले में भी डेंगू पर फैल रही जागरूकता-

भीबीडीसी पुरूषोत्तम कुमार ने कहा कि बरसात के कारण इस बार श्रावणी मेले में भी डेंगू पर लोगों को जानकारी के साथ डिस्पले लगाया गया है। बरसात वह समय है जब हमारे घर के आस-पास साफ पानी जमा होता है और उसमें डेंगू के एडीज मच्छर ज्यादा पनपते हैं। कुढ़नी से लेकर गरीबनाथ तक जगह-जगह विभाग ने अपना शिविर लगाया है। जिसमें डेंगू पर जागरूकता को डिस्पले किया गया है।

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