पटना : बिहार की सभी ए ग्रेड स्टाफ नर्स को दिया जाएगा मातृ स्वास्थ्य का प्रशिक्षण

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– मिडवाइफरी इनिशिएटिव कार्यक्रम के तहत दी जाएगी 18 माह की एनपीएम की ट्रेनिंग
– 30 नर्स को आईजीआईएमएस स्थित कालेज ऑफ नर्सिंग में दिया जाएगा प्रशिक्षण
– नर्सों का लिखित, प्रैक्टिकल और साक्षात्कार के आधार पर प्रशिक्षण के लिए होगा चयन

बिहार | प्रदेश की मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार मेडिकल कालेज अस्पतालों से लेकर सरकारी अस्पतालों की चिकित्सकीय व्यवस्था को बेहतर और नर्सों को प्रशिक्षित करने के प्रयास में जुट गई है। सभी ए ग्रेड स्टाफ नर्स को मातृ स्वास्थ्य का प्रशिक्षण देने का फैसला किया गया है। मिडवाइफरी इनिशिएटिव कार्यक्रम के तहत सभी ए ग्रेड स्टाफ नर्सों को चरणबद्ध तरीके से 18 महीने का नर्स प्रैक्टिशनियर इन मिडवाइफरी (एनपीएम) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में 30 नर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा। लिखित, प्रैक्टिकल और साक्षात्कार के आधार पर प्रशिक्षण के लिए नर्स चयनित की जाएंगी। आईजीआईएम एस स्थित स्टेट मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कालेज ऑफ नर्सिंग में ट्रेनिंग दी जाएगी। आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 अगस्त निर्धारित है।

मातृ व शिशु मृत्यु दर में आयेगी कमी:
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य सरकार ने मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सभी ए ग्रेड स्टाफ नर्स को मातृ स्वास्थ्य का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। इसके तहत ए ग्रेड स्टाफ नर्स से प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदन मांगा गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग प्रशिक्षण के लिए तीस नर्सों के चयन में बेहद ही सावधानी बरत रहा है। इसलिए शैक्षणिक के साथ साथ अनुभव का भी ख्याल रखा गया है। आवेदन करने के लिए बीएससी नर्सिंग या जीएनएम की डिग्रीधारी के साथ मातृ केयर का दो साल का क्लिनिकल अनुभव, अभ्यर्थियों की आयु 45 वर्ष से कम होना चाहिए। गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली नर्स और पुरुष नर्स प्रशिक्षण के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे।

प्रसव संबंधी सेवाओं में सुधार आवश्यक:
महिलाओं के लिए गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद ही अहम होता है। इसके बावजूद गर्भावस्था के समय महिलाएं अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लेती हैं, जिसके कारण प्रसव के समय कई गर्भवती की स्थिति काफी नाजुक हो जाती है। समय पर इलाज नहीं होने से कई गर्भवती की मृत्यु हो जाती है। इतना ही नहीं गर्भस्थ शिशु की भी असमय मौत हो जाती है। इस बाबत स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशक प्रमुख डा महेश्वर प्रसाद गुप्ता ने मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और आईजीआईएमएस के निदेशक को एनपीएम प्रशिक्षण के लिए ए ग्रेड स्टाफ नर्सों के आवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रशिक्षण के बाद सभी एनपीएम प्रशिक्षित ए ग्रेड स्टाफ नर्स की सेवाएं मिडवाइफरी लेड केयर यूनिट (एमएलसीयू) में ली जा सकती है।

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