
-बिहार के सरकारी स्कूलों के सरकार के दावे खोखले : विधायक
डुमरांव. विधायक डा. अजीत कुमार सिंह ने सोवां प्लस टू उच्च विद्यालय तथा मध्य विद्यालय की स्थिति एवं पढ़ाई को लेकर निरीक्षण किया. विद्यालय में संस्कृत और इंग्लिश के शिक्षक मौजूद नहीं है. शिक्षकों की काफी कमी है. विद्यालय में स्वीकृत 24 शिक्षकों की जगह मात्र 8 शिक्षक थे. जिनमें 4 अतिथि शिक्षक हैं और कई दिनों से विद्यालय नहीं आये हैं. उन्होंने कहां कि छात्रों की संख्या के अनुपात में देखें तो शिक्षकों की कमी और विद्यालय में भवन की कमी देखने को मिला. बेहतर शिक्षा के तमाम सरकारी दावे खोखले साबित हो रहें हैं. दरअसल सरकार की मंसा है कि तमाम सरकारी विधालयों को बदहाल कर निजी हाथों में सौप दिया जाय या बंद कर दिया जाय. ताकि गरीबों-वंचितों के बच्चें पढाई से दूर हो जाएं. बिहार में सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है. प्रदेश में शिक्षकों की लगभग 2.5 लाख रिक्तियां हैं. कक्षा 6 से 8 तक के विद्यालयों में शिक्षकों की सबसे अधिक कमी है. प्रदेश का कोई ऐसा विद्यालय नहीं है, जिस विद्यालय में सभी विषयों के शिक्षक मौजूद हैं.

निरीक्षण के दौरान उच्च विद्यालय में मात्र 15 छात्र उपस्थित थे, जबकि 671 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. उपस्थित बच्चों को विधायक ने रोजाना विधालय आने, अच्छी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया एवं कहां कि बच्चें देश का भविष्य है. मन लगाकर पढ़ाई करें. अपना गांव का एवं अपने जिले का नाम रोशन करें. विधायक ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सबकों अपना मोबाइल नंबर दिया और कहां कि जब भी कोई जरुरत हो या शिकायत हो तो मुझे सूचित करें, वे सदैव बच्चों की मदद के लिए तैयार रहेंगे. विधायक ने कहां कि काफी स्कूलों के पास भवन नहीं है. ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. विधायक ने विद्यालय के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया. वहां उपस्थित अधिकारियों को कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो, इसके लिए निर्देशित किया.

निरीक्षण के दौरान भाकपा (माले) जिला कमिटी सदस्य नीरज कुमार यादव, कन्हैया पासवान, सुरेन्द्र प्रसाद, धनई राम, सत्येन्द्र कुशवाहा, सोनू कुशवाहा, उपमुखिया राज कमल सहित कई जनप्रतिनिधि व ग्रामीण उपस्थित थे.
