मुजफ्फरपुर : 117 गांवों में हो रही कालाजार की स्क्रीनिंग

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– 18 जुलाई से हुई है शुरुआत

– 25 गांवों में घर घर खोजे जाएंगे कालाजार रोगी

मुजफ्फरपुर। जिले के 117 गांवों में कालाजार के रोगियों की खोज के लिए स्क्रीनिंग कैंप चल रहा है। इस कैंप की शुरुआत 18 जुलाई से हुई और यह 29 जुलाई तक चलेगी। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि स्क्रीनिंग कैंप के लिए गांवों का चयन 2021 -22 में प्रतिवेदित मरीज के आधार पर किया गया है। चयनित गांवों में चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन, पैरामेडिकल स्टाफ जाकर कालाजार के संदिग्ध रोगियों की जांच कर रहे हैं । इसके अलावा आज से जिले के 25 राजस्व गांवों में आशा कार्यकर्ता घर -घर जाकर कालाजार रोगियों की खोज करने में जुट गईं हैं।

नए प्रभावित गावों में भी आयी कमी-

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डॉ सतीश ने बताया कि जिले में कालाजार से प्रभावित नए गांवों की संख्या में भी कमी आयी है। 2020 में जहां नए प्रभावित गांवों की संख्या 37 थी, 2021 में वह 21 थी। यह संख्या 2022 में सिर्फ 5 रह गयी है।

एचआइवी और टीबी पेशेंटों की भी हो रही जांच-

कालाजार  के सही आकलन एवं नए रोगियों की खोज के लिए विभाग एचआईवी और टीबी पॉजिटिव रोगियों में भी कालाजार का टेस्ट कर रही है। कालाजार के सक्रिय रोगियों की खोज के लिए गैप एनालिसिस का भी सहारा लिया जा रहा है। कालाजार से बचाव के लिए अभी आइआरएस का  फर्स्ट राउंड चलाया जा रहा है। इसमें 171 राजस्व ग्राम के 8 लाख 21 हजार की जनसंख्या के 1 लाख 43 हजार 965 घरों में छिड़काव किया जा रहा है। इसमें कुल 70 स्कवायड की सहायता ली जा रही है।

कालाजार रोगियों में आयी तेजी से गिरावट-

डॉ सतीश ने बताया कि जिले को कालाजार मुक्त जिला कर लिया गया है। वर्तमान में जून 2022 तक वीएल के 23 तथा पीकेडीएल के 25 सक्रिय मरीज हैं। 2021 में वीएल की संख्या जून तक 42 तथा पीकेडीएल की 22 थी। वहीं जून 2020 तक जिले में वीएल मरीजों की संख्या 101 तथा पीकेडीएल की संख्या 12 थी।

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