पटना : फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया के प्रबंधन के बारे में दी गयी जानकारी

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– फुलवारी प्रखंड के हिंदुनी गांव में मरीजों को दिया गया एमएमडीपी का प्रशिक्षण

पटना | फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पटना जिले के फुलवारी शरीफ़ प्रखंड के हिंदूनी गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 238 में फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम में 32 फाइलेरिया मरीज उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीफार के स्टेट कंसल्टेंट अरुनेंदु झा ने की और मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाई| इस अवसर पर स्थानीय आशा गायत्री देवी के साथ केंद्र की सेविका सोनी कुमारी, सीफार की जिला समन्वयक अर्पिता चौधरी एवं प्रखंड समन्वयक विकास चौहान मौजूद थे।

फाइलेरिया से ग्रसित शरीर के अंगों को साफ-सुथरा रखने की जरूरत:
प्रशिक्षण कार्यक्रम में अरुनेंदु झा ने सभी फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट के उपचार में उपयोग एवं आवश्कता पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी मरीजों के समक्ष एक रोगी के पैर की सफाई कर उपस्थित मरीजों को एमएमडीपी की विधि बताई उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। इससे मरीजों को तत्काल राहत मिलती और उनका दर्द एवं सूजन कम जाता है।

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया:
जिला समन्वयक अर्पिता चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को नि:शुल्क दवाएं दी जा रही हैं। यह रोग संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता और काटने के बाद किसी भी व्यक्ति को काटता तो उसे भी संक्रमित कर देता है। इससे या तो व्यक्ति के हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और इसका इसका कोई स्थायी इलाज संभव नहीं है। इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए।

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सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान सभी खाएं फ़ाइलेरिया की दवा:
फ़ाइलेरिया से सुरक्षा का सबसे प्रमुख माध्यम हर साल सर्वजन दवा सेवन अभियान है। इसके दौरान डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली का सेवन जरूर करें तथा अपने परिवार के लोगों को भी खाने के लिए कहें। साल में एक बार तथा पांच साल तक लगातार इस दवा के सेवन से इंसान आजीवन फ़ाइलेरिया के संक्रमण से सुरक्षित रह सकता है। इसके अलावा स्वच्छता का पालन करना और जागरूक रहकर संक्रमण से बचा जा सकता है।

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